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विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने चीन द्वारा उसके नागरिकों को स्वतंत्र उपासना की अनुमति नहीं देने के लिए उसकी निंदा की।
अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा 2020 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को पेश करने के दौरान वैश्विक धार्मिक आजादी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी डेन नाडेल ने कहा कि अमेरिका इस मामले में भारत से संपर्क में रहता है। उन्होंने कहा, इस रिपोर्ट में भारत में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान तबलीगी जमात के सदस्यों को निशाना बनाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए एकता व भाईचारे के संदेश पर भी गौर किया गया। नाडेल ने कहा, अमेरिका भारत के साथ है और उसे अल्पसंख्यकों के संरक्षण समेत मानवाधिकार दायित्वों एवं प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखने के लिए प्रोत्साहित भी करता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अप्रैल को ट्वीट किया था कि कोरोना वायरस हमला करने से पहले धर्म, नस्ल, रंग, जाति, समुदाय, भाषा या सीमाएं नहीं देखता है। हमारा व्यवहार एवं प्रतिक्रिया में एकता एवं भाईचारे को अहमियत दी जानी चाहिए। वार्षिक रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के 26 अप्रैल के राष्ट्र के नाम ऑनलाइन संबोधन की भी तारीफ की गई है जिसमें उन्होंने लोगों से कोविड-19 के खिलाफ जंग में किसी से भेदभाव नहीं करने की अपील की थी।
रिपोर्ट में नाडेल ने कहा, भारत बाहरी तत्वों को प्रत्यक्ष संवाद में शामिल करता है। इसलिए अमेरिका के लिए भारतीय नागरिक संस्थाओं की कुछ चिंताओं से निपटने का सही में मौका है जो अधिक संवाद एवं अधिक वार्ता से संभव है।
भारत से हर स्तर पर भारत से करते हैं संवाद
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी डेन नाडेल ने कहा कि अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर भारत की पुरानी परंपरा व सहिष्णुता के इतिहास को देखते हुए भारतीय अधिकारियों से हर स्तर पर नियमित संवाद बनाए रखता है। अमेरिका वैश्विक धार्मिक आजादी पर भी भारत से बातचीत करता है। उन्होंने कहा, अमेरिकी अधिकारी नागरिक संगठनों, स्थानीय धार्मिक समुदायों के साथ भी लगातार बैठक करते हैं ताकि उनके विचार, चुनौतियों और अवसरों को समझ सके।
धार्मिक आजादी के दमन को लेकर चीन पर निशाना
बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी विदेश नीति में मानवाधिकारों की बहाली पर ध्यान देने के लक्ष्य पर आगे बढ़ने के क्रम में धार्मिक स्वतंत्रता के दमन के लिए चीन पर निशाना साधा। यह कदम अमेरिकी स्थिति की फिर से पुष्टि करता है कि मुस्लिमों पर और पश्चिमी शिनजियांग में अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर चीन की कार्रवाई नरसंहार के दायरे में आती है। विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने चीन द्वारा उसके नागरिकों को स्वतंत्र उपासना की अनुमति नहीं देने के लिए उसकी निंदा की।
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