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14 महीने से वह अपने निवास में ही रह रहे हैं।
जनता के बीच कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर उपजे भ्रम को दूर करने के लिए बड़ी शख्सियतों ने खुद पहल शुरू कर दिया है। भारत में बनी कोरोना वेक्सीन Covishield को लगवाने का क्रम जारी है। इसी क्रम में शांतिदूत धर्मगुरु दलाई लामा ने शनिवार सुबह तड़के भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की कोविशिल्ड की पहली डोज़ लगवाई।
दलाई लामा के साथ आए उनके सेवादार कुछ बौद्ध भिक्षुओं को भी वैक्सिन की पहली डोज लगाई गई। सुरक्षा कारणों के चलते दलाई लामा को सुबह तड़के ही कड़े सुरक्षा घेरे में हिमाचल के कांगड़ा जिला में स्थित धर्मशाला अस्पताल लाया गया। दलाई लामा करीब 14 महीने बाद मैक्लॉडगंज स्थित अपने निवास से पहली बार बाहर निकले। इससे पहले वह एक बार भी अपने निवास से बाहर नहीं निकले थे। कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद दलाई लामा ने दुनिया के नाम एक संदेश भी दिया।
उन्होंने कहा, 'मैंने कहा कि दुनिया के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए। वैक्सीन लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाएगी। मैंने भी पहला टीका लगवा लिया है इसलिए लोगो को भी वैक्सीन लगवानी चाहिए।' गोपनीयता के मकसद से जिला प्रशासन की टीम दलाई लामा को बिल्कुल सुबह धर्मशाला अस्पताल ले गई। प्रशासन ने ऐसी तैयारी दलाई लामा की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की। डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि धर्मगुरु दलाईलामा को शनिवार को कोरोना वैक्सीन लगाई गई।
दलाईलामा अपने निवास पर लगवाना चाहते थे वैक्सीन दलाई लामा दफ्तर एहतियातन तौर पर चाहता था कि धर्मगुरु को कोरोना वैक्सीन उनके निवास स्थान में लगे। जिला स्वास्थ्य विभाग ने दलाईलामा दफ़्तर के निवेदन को मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेजा था। लेकिन, प्रदेश सरकार ने दलाई लामा को उनके निवास स्थान पर ही वैक्सीन लगाने की मंजूरी नहीं दी। दलाई लामा को वैक्सीन धर्मशाला अस्पताल आकर ही शनिवार को लगवानी पड़ी।
14 महीने से अपने निवास में ही रह रहे धर्मगुरु वर्तमान में दलाईलामा की उम्र करीब 85 वर्ष उम्र है। दलाई लामा ने जनवरी 2020 में कोरोना संक्रमण फैलने के चलते अपने निवास स्थान मैक्लॉडगज से बाहर निकलना बंद कर दिया था। जनवरी से वह अपने निवास से दुनिया भर में ऑनलाइन तरीके से कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं। 14 महीने से वह अपने निवास में ही रह रहे हैं।
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