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अमेरिका में राहतभरी खबर: कोरोना के नए मामलों में 52% तक की आई कमी, लेकिन मौत के आंकड़ों से टेंशन बरकरार
Renuka Sahu
3 Feb 2022 5:54 AM GMT

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फाइल फोटो
दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका पर कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू से ही देखने को मिला है, जहां डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन वेरिएंट से तबाही अपने चरम पर है. ले
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका (America) पर कोरोना वायरस (Covid-19) का प्रकोप शुरू से ही देखने को मिला है, जहां डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) से तबाही अपने चरम पर है. लेकिन अब अमेरिका वालों के लिए राहतभरी खबर है, क्योंकि पिछले एक हफ्ते के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो कोरोना के नए मामलों में 52 प्रतिशत तक की कमी आई है. बुधवार को 3.46 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. इस बीच, मौत के आंकड़े डराने वाले हैं, जहां 3,365 लोगों ने इस खतरनाक वायरस की वजह से अपनी जान गंवा दी है.
अमेरिका क्यों कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है, इस अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक इस देश में 7.6 करोड़ से ज्यादा संक्रमण के मामले मिल चुके हैं. यह पूरी दुनिया में किसी एक देश का सर्वाधिक आंकड़ा है. इसके अलावा अमेरिका में कोरोना से मौत की संख्या भी अन्य किसी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है, जहां 9 लाख से ज्यादा लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं.
बच्चों पर कहर ढा रहा ओमिक्रॉन
कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने अब तक अपना सबसे ज्यादा कहर अमेरिका में ही दिखाया है. इस वायरस की चपेट में अब बच्चे आ रहे हैं और इनकी संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. पिछले महीने की बात करें तो जनवरी में 35 लाख से ज्यादा बच्चों में कोरोना के मामले रिपोर्ट किए गए हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) और चिल्ड्रन्स हास्पिटल एसोसिएशन ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि देश में 2020 में महामारी की शुरूआत के बाद से 1.14 करोड़ से ज्यादा बच्चे कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं.
कोरोना के चलते बढ़ा देश का कर्ज
कोरोना ने दुनिया के सबसे अमीर देश को इस कदर प्रभावित किया है कि उसका कुल राष्ट्रीय कर्ज भार रिकॉर्ड स्तर पर 30 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. अमेरिकी सरकार के तहत आने वाले ट्रेजरी विभाग ने यह आंकड़ा जारी किया. विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल कर्ज की दर 31 जनवरी तक की है, जो बीते साल 2020 के जनवरी से करीब 7 ट्रिलियन डॉलर तक अधिक है. उस वक्त देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस की चपेट में नहीं आई थी. वॉशिंगटन के सार्वजनिक और अंतर सरकारी कर्ज दोनों के आसमान छूने के पीछे कई कारण हैं, जिसमें एक कारण सरकार के कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकारी खर्च में वृद्धि करना भी है.

Renuka Sahu
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