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विद्युत निगम के कार्यालय सहायक के निलंबन पर हस्तक्षेप से इन्कार, कोर्ट ने कहा- आरोप गंभीर

Tara Tandi
30 July 2023 8:51 AM GMT
विद्युत निगम के कार्यालय सहायक के निलंबन पर हस्तक्षेप से इन्कार, कोर्ट ने कहा- आरोप गंभीर
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 17 लाख के बजाय ठेकेदार का 17 करोड़ का बिल विद्युत निगम की वेबसाइट पर अपलोड करने के आरोपी मऊ में कार्यालय सहायक मिथिलेश कुमार यादव के निलंबन आदेश पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा आरोप गंभीर है, निगम को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, जो जांच से साफ होगी। आरोप साबित हुआ तो बड़ा दंड मिल सकता है।कोर्ट ने विद्युत निगम को याची को चार्जशीट सौंपकर उसके खिलाफ तीन महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है और याची को जांच में पूरा सहयोग करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि यदि विभाग तीन महीने में जांच पूरी नहीं कर पाता तो याची निलंबन के खिलाफ दोबारा हाईकोर्ट आ सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने मऊ विद्युत विभाग में कार्यरत मिथिलेश कुमार यादव की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। जिसमें वाराणसी के पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा पारित निलंबन आदेश को चुनौती दी गई थी। याची पर आरोप है कि अपनी आईडी से एक ठेकेदार का 17 लाख का बिल 17 करोड़ बनाकर वेबसाइट पर अपलोड किया। हालांकि, भुगतान नहीं हो सका। इस पर जांच बैठाई गई और याची को निलंबित कर दिया गया।
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल भूषण का कहना था कि 19 मई 23 की प्रारंभिक जांच में याची के खिलाफ कुछ नहीं पाया गया। जब बिल अपलोड किया गया उस समय याची का मऊ से मुख्यालय तबादला किया जा चुका था। विद्युत निगम को कोई आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है। विभाग को नुकसान पहुंचाने का केस नहीं, फर्जी बिल अपलोड करने का केस है। उसे मनमाने ढंग से निलंबित कर दिया गया है। जिसे रद्द किया जाय। विद्युत निगम के अधिवक्ता ने कहा आरोप गंभीर है। विभाग को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी करने की कोशिश की गई है।
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