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दक्षिण कोरिया में रिकॉर्ड कोविड मामले मिले, 80% भरे आईसीयू

Neha Dani
1 Dec 2021 8:02 AM GMT
दक्षिण कोरिया में रिकॉर्ड कोविड मामले मिले, 80% भरे आईसीयू
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जबकि ये वेरिएंट इससे पहले ही फैलना शुरू हो गया था.

दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद पहली बार एक दिन में पांच हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं. संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण अस्पतालों में जगह को लेकर चिंता उत्पन्न हो गई है, साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे कड़े नियमों को फिर लागू करने की अपील की है (Coronavirus Rules). वैश्विक महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को बहाल करने के लिए पिछले महीने इन नियमों में ढील दी गई थी.

कोरिया रोग नियंत्रण एवं रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) ने बताया कि 5,123 नए मामलों में से अधिकतर मामले राजधानी सियोल और उसके आसपास के महानगरीय क्षेत्र में सामने आए, जहां पहले ही अधिकारियों ने कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित आईसीयू (गहन चिकित्सा विभाग) के 80 प्रतिशत से अधिक भरे होने की जानकारी दी थी (Health System in Korea). एजेंसी ने बताया कि 720 से अधिक मरीजों की हालत गंभीर या नाजुक बनी हुई है. हाल ही में रोजाना 30 से 50 लोगों की संक्रमण से मौत के बाद देश में मृतक संख्या बढ़कर 3,658 हो गई है.
दो लोगों की जीनोम सीक्वेंसिंग जारी
केडीसीए ने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता नाइजीरिया से आए एक कपल की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) जांच कर रहे हैं, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि वे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट 'ओमीक्रॉन' से संक्रमित हैं या नहीं. देश में अभी तक 'ओमीक्रॉन' के किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि अचानक मामले बढ़ने के पीछे, वायरस के इस वेरिएंट के होने की आशंका बनी हुई है. ऐसा हो सकता है कि बढ़ते मामलों के पीछे ओमीक्रॉन ही जिम्मेदार हो.
यूरोप में पहले ही फैल गया ओमीक्रॉन
वैसे तो ओमीक्रॉन का पता सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने लगाया था. लेकिन ताजा जानकारी में पता चला है कि ये यूरोप में पहले ही फैलना शुरू हो गया. नीदरलैंड (Netherlands) के आरआईवीएम स्वास्थ्य संस्थान ने 19 और 23 नवंबर के सैंपल में 'ओमीक्रॉन' मिलने की जानकारी दी है. इस खबर ने एक बार फिर दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि नए वेरिएंट से बचाव के उपाय तभी शुरू हुए, जब दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों (South Africa Scientists) ने इसका पता लगाया. जबकि ये वेरिएंट इससे पहले ही फैलना शुरू हो गया था.


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