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11वीं बार रेचेप तैय्यप एर्दोगन बने राष्ट्रपति

Nilmani Pal
29 May 2023 1:10 AM GMT
11वीं बार रेचेप तैय्यप एर्दोगन बने राष्ट्रपति
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तुर्की। तुर्की में एक बार फिर रेचेप तैय्यप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. विपक्षी नेता कमाल कलचदारलू को हराकर उन्होंने 11वीं बार राष्ट्रपति का चुनाव जीता है. चुनाव के दूसरे राउंड रन-ऑफ में एर्दोगन ने बहुमत हासिल किया है. वहीं कमाल कलचदारलू को हार का सामना करना पड़ा. इसी के साथ एर्दोगन की एक बार फिर वापसी हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस राउंड में एर्दोगन को 52% वोट मिले हैं, जबकि कलचदारलू को 48% वोट ही मिले.

दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 14 मई को हुआ था. तब एकेपी (जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी) के मुखिया एर्दोगन पहले राउंड में चुनाव जीतते-जीतते रह गए थे और उन्हें 49.4% वोट मिले. वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी कलचदारलू को 45% वोट मिले थे. दोनों ही नेताओं को बहुमत नहीं मिल सका था, जिसके चलते रविवार को दूसरे राउंड का चुनाव कराया गया. तुर्की में अगर किसी उम्मीवार को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता तो दो सप्ताह के भीतर दो सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवारों के बीच रन ऑफ राउंड कराया जाता है. तुर्की में दूसरे राउंड की यह वोटिंग 28 मई को तय की गई थी.

बता दें कि एर्दोगन साल 2003 से ही देश का नेतृत्व कर रहे हैं और अपने नेतृत्व में उन्होंने तुर्की को एक रुढ़िवादी देश बनाने की कोशिश की है जो इस्लाम की नीतियों पर चलता है. चुनावों के दौरान वो पश्चिमी देशों पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप भी लगाते रहे हैं. बता दें कि कलचदारलू तुर्की के छह विपक्षी पार्टियों से मिलकर बने रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी नेशन अलायंस के उम्मीदवार हैं. गांधीवादी कलचदारलू जिन्हें तुर्की में 'कमाल गांधी' भी कहा जाता है, ने लोगों से वादा किया था कि अगर वो सत्ता में आते तो तुर्की एर्दोगन की तरह रुढ़िवादी नहीं बल्कि उदारवादी नीति अपनाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि वो लोकतंत्र वापस लाने के साथ-साथ अपने नाटो सहयोगियों के साथ भी संबंधों को पुनर्जीवित करेंगे.74 वर्षीय कलचदारलू इससे पहले कई चुनाव हार चुके हैं.


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