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आतंकी यहां लगातार शहरों और सड़कों को अपना निशाना बना रहे हैं.
अफ्रीकी देश माली में राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को विद्रोही सेना ने गिरफ्तार कर लिया है. सोमवार को ही वहां नई सरकार का गठन होने का ऐलान किया गया था.
गिरफ्तारी के पीछे विद्रोही
दोनों सुप्रीम नेताओं को राजधानी बमाको के पास काती में सेना के मुख्यलाय में रखा गया है. राष्ट्रपति के गार्ड्स ने उनकी सुरक्षा करने से इनकार कर दिया जिसके बाद विद्रोही सिपाही उन्हें गिरफ्तार कर अपने ले गए हैं.
पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय, इकोवास (ECOWAS) की ओर से जारी साझा बयान में तुरंत राष्ट्रपति बाह नदाव (Bah Ndaw) और प्रधानमंत्री मोक्टार ओउने (Moctar Ouane) की रिहाई की मांग की है. इस घटना से ठीक पहले सरकार ने सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटा दिया था और टॉप लीडर्स की गिरफ्तारी के पीछे इन्हीं अधिकारियों का हाथ बताया जा रहा है.
वैश्विक समुदाय ने की रिहाई की अपील
इकोवास ने अपने बयान में इस गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की गई है. साथ ही वैश्विक समुदाय से इस मामले में दखल देकर माली की मदद करन की अपील की गई है. समूह का एक डेलीगेशन माली का दौरा कर वहां के जमीनी हालात का जायजा भी ले सकता है.
वहीं माली में संयुक्त राष्ट्र के मिशन ने भी तत्काल नेताओं की रिहाई की मांग की है. यूएन ने कहा कि नेताओं की गिरफ्तारी के पीछे जिसका भी हाथ है उसे वक्त आने पर इस कार्रवाई का जवाब देना होगा.
कई हिस्सों में IS का कब्जा
इब्राहिम बाउबकर ने अगस्त में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह खून खराबा नहीं चाहते हैं. इसके बाद विद्रोहियों की ओर से टीवी पर ऐलान किया गया था कि वह जनता की भलाई के लिए ऐसा कदम उठा रहे हैं और देश में जल्द ही सरकार की वापसी होगी. अब विद्रोहियों की कार्रवाई से उनके वादे पर सवाल उठ रहे हैं.
माली में पिछले कई साल से अलकायदा और आईएस आतंकियों ने कोहराम मचा रखा है और देश के बड़े इलाके पर ISIS ने कब्जा कर लिया है. फ्रांस और यूएन की सेना ने वहां से आतंकियों को खदेड़ने का भी काम किया लेकिन सियासी अस्थिरता की वजह से इस काम में ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई है. आतंकी यहां लगातार शहरों और सड़कों को अपना निशाना बना रहे हैं.
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