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नई रिसर्च में मिले दुर्लभ सबूत
ऐरिजोना: ब्लैक होल अपनी जद में आने वाले हर मैटर को खा जाते हैं लेकिन इस दौरान इनके 'शिकार' का क्या होता है? ऐस्ट्रोफिजिकल जर्नल में छपे एक पेपर में ऐस्ट्रॉनमर्स की एक टीम ने इसका जवाब दिया है। जब ब्लैक होल किसी सितारे को खाता है तो एक Tidal disruption event होता है। इसमें सितारा पूरी तरह बिखरने लगता है और इतना तेज रेडिएशन निकलता है कि उस गैलेक्सी के सभी सितारों की चमक भी उसके आगे महीनों तक फीकी पड़ जाए।
दुर्लभ होते हैं ये ब्लैक होल
यूनिवर्सिटी ऑफ ऐरिजोना की स्टीवर्ड ऑब्जर्वेटरी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च असोसिएट सिशियांग वेन ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस बारे में स्टडी की है। उन्होंने J2150 नाम के Tidal disruption event से निकलने वाली एक्स-रे की मदद से ब्लैक होल के द्रव्यमान (mass) और स्पिन के बारे में पता लगाया। यह एक मध्यम द्रव्यमान वाला ब्लैक होल था जिसे ऑब्जर्व करना बहुत दुर्लभ रहा है। पेपर पर काम करने वाली ऐन जब्लूडॉफ ने Phy.org को बताया है कि सितारे को खाते वक्त इस ब्लैक हल को स्टडी करने से ऐसा मौका मिला जो शायद ही दिखता।
दिखा मलबे से बना डिस्क
इससे निकलने वाली चमक की मदद से ब्लैक होल की इस कैटिगरी के बारे में समझने का मौका मिला जो शायद गैलेक्सीज के केंद्र में बड़ी संख्या में हो सकते हैं। इस ब्लैक होल का द्रव्यमान हमारे सूरज की तुलना में 10 हजार गुना ज्यादा होगा। वेन ने बताया है कि मरते सितारे से निकले मलबे से बनी अंदरूनी डिस्क से निकले एक्स-रे उत्सर्जन की मदद से द्रव्यमान और स्पिन का पता लगाना आसान कर दिया। इससे यह साफ हुआ कि यह intermediate black hole है।
इनसे बनते हैं महाविशाल ब्लैक होल?
इस तरह के ब्लैक होल्स क ऑब्जर्व करना मुश्किल रहा है लेकिन माना जाता है कि महाविशाल ब्लैक होल (supermassive black holes) शायद इनसे ही बनते होंगे। SMBH कैसे बनते हैं, यह भी एक गुत्थी ही है। इसलिए intermediate black hole के बारे में जानना और ज्यादा अहम हो जाता है। J2150 की स्पिन को ऑब्जर्व करने से यह समझा जा सकेगा कि ब्लैक होल बढ़ते कैसे हैं और पार्टिकल फिजिक्स के भी नए रहस्य सामने आ सकते हैं।
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