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जिसके बाद गांव वाले गुस्से में सड़कों पर उतर आए थे.
बांग्लादेश में कोरोना वायरस (Coronavirus in Bangladesh) का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. यहां मंगलवार को कोविड-19 (COVID-19) से 66 लोगों की मौत हो गई है, जो अब तक एक दिन में इस बीमारी से मौत का सर्वाधिक आंकड़ा है. इसी दौरान देश में 7213 नए मामले सामने आए हैं, जो एक दिन का इस संक्रमण का सर्वाधिक आंकड़ा है. स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय (डीजीएचएस) ने कहा, 'संक्रमण का आंकड़ा 6,51,652 तक चला गया है क्योंकि पिछले 24 घंटे में 7213 नए मामलों की पुष्टि हुई है (Bangladesh Coronavirus Death). इसी दौरान 66 लोगों की मौत कोविड-19 के कारण हुई है.'
आंकड़ों के अनुसार, अकेले ढाका में 55 मरीजों की जान गई है. जिन लोगों की जान गई उनमें 39 पुरूष और 27 महिलाएं थीं. डीजीएचएस ने बताया कि पिछले 24 घंटे में नमूनों की जांच की गई, जिनमें 21.02 प्रतिशत संक्रमित पाए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ये आंकड़े पिछले साल आठ मार्च को कोरोना वायरस के फैलना शुरू होने के साथ मृत्यु और नए मामले की दृष्टि से सर्वाधिक हैं और देश में अस्पतालों की क्षमता से चीजें बाहर चली गई हैं.
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा
बांग्लादेश ने तीन दिन पहले ही संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है (Lockdown in Bangladesh). यहां बीते एक महीने से मामलों में तेजी देखी जा रही है. एक हफ्ते का ये लॉकडाउन सोमवार से शुरू हुआ है. सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबेदुल कादिर ने मामले में शनिवार को कहा था कि सरकार कोरोना वायरस की नई लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने को तैयार हो गई है. सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग के महासचिव कादिर ने अपने घर से ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये घोषणा की थी.
लॉकडाउन के खिलाफ सड़कों पर भी उतरे लोग
बांग्लादेश के कुछ लोग लॉकडाउन के खिलाफ सड़कों पर भी उतरें हैं. यहां ग्रामीण इलाकों में लोग प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया. इसी दौरान गुस्साई भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. जिसके बाद पुलिस को हालात काबू में करने के लिए गोली चलानी पड़ी. इस गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने कहा था कि घटना सोमवार की शाम को हुई थी (How Many Cases of Coronavirus in Bangladesh). यहां फरीदपुर जिले के सेंट्रल टाउन साल्था में अफवाह फैली कीवायरस को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तैनाती की गई है. जिसके बाद गांव वाले गुस्से में सड़कों पर उतर आए थे.
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