विश्व

रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, हो रहा विरोध

Neha Dani
21 July 2022 7:16 AM GMT
रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, हो रहा विरोध
x
राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे तथा मैत्रीपाला सिरिसेना सहित अन्य विपक्षी दलों से एकसाथ काम करने का अनुरोध करता हूं।'

कोलंबो : श्रीलंका में बुधवार को सांसदों ने कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को अपना राष्ट्रपति चुन लिया। राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारी संसद की इस प्रक्रिया को अपने मोबाइल में देख रहे थे। जैसे विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया, 'गो गोटा गो' के नारे 'रानिल गो होम' में बदल गए। प्रदर्शनकारियों के नेताओं ने विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया क्योंकि लोग उन्हें पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का करीबी मानते हैं। अनुभवी नेता रानिल विक्रमसिंघे मई में महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद से प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत थे।



पिछले दिनों में श्रीलंका में भारी विरोध प्रदर्शन और आगजनी देखने को मिली थी। हजारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे और पूर्व प्रधानमंत्री के घर में आग लगा दी थी। बवाल बढ़ता देख राजपक्षे देश से भाग गए थे और सिंगापुर से ही मेल पर इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। श्रीलंका के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। देश में ईंधन, बिजली और खाने की चीजों की किल्लत हो गई है और विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है। राजनीतिक अस्थिरता के चलते आईएमएफ के साथ चल रही लोन की बातचीत भी अधर में अटकी हुई है।

'बदलाव के लिए चाहिए नए चेहरे'
पेट्रोल के लिए किलोमीटरों लंबी लाइन में खड़े कुछ लोगों को उम्मीद है कि विक्रमसिंघे का अनुभव मौजूदा संकट से देश को निकालने में मददगार साबित होगा। जबकि कुछ लोग इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है, 'ये लोग पिछले 70 साल से देश पर शासन कर रहे हैं और चोरी कर रहे हैं, ऐसे में हम कुछ अच्छा होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?' ड्राइवर ने कहा, 'हमें उन्हें पीटना चाहिए और बाहर फेंक देना चाहिए... अगर हमें बदलाव चाहिए तो हमें नए चेहरों की जरूरत है।'


विक्रमसिंघे को मिले 134 वोट
बीबीसी की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। एक अन्य ड्राइवर ने कहा, 'हमें बदलाव नहीं चाहिए, हम सिर्फ चाहते हैं कि हमारा देश फिर से पहले जैसा हो जाए।' श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं सत्तारूढ़ दल के असंतुष्ट नेता डलास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट मिले। वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को महज तीन वोट मिले।

विपक्ष से साथ काम करने का अनुरोध
संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने की ओर से मतदान के परिणामों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद विक्रमसिंघे ने अपने भाषण में दो दावेदारों-डलास अल्हाप्पेरुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके को धन्यवाद दिया तथा सांसदों से देश को और संकट से बचाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। विक्रमसिंघे ने कहा, 'लोग हमसे पुरानी राजनीति के लिए नहीं कह रहे हैं। मैं विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे तथा मैत्रीपाला सिरिसेना सहित अन्य विपक्षी दलों से एकसाथ काम करने का अनुरोध करता हूं।'


Next Story