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10 जून को लॉस एंजिलिस से दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ मुंबई हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा के अतिरिक्त जवाब दाखिल करने के अनुरोध को अमेरिकी अदालत ने मान लिया है। राणा (59) के प्रत्यर्पण पर 12 अप्रैल को सुनवाई होनी है। अमेरिका ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने के अनुरोध का समर्थन किया है।
भारत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। लॉस एंजिलिस में अमेरिकी डिस्टि्रक्ट कोर्ट की न्यायाधीश जैकलीन चूलीजियन ने बुधवार को अपने संक्षिप्त आदेश में कहा, 'राणा पांच अप्रैल से पहले जवाब दाखिल कर सकता है, लेकिन यह 20 पृष्ठों से अधिक का नहीं होना चाहिए।' न्यायाधीश ने कहा कि सरकार भी 12 अप्रैल से पहले जवाब दाखिल कर सकती है। हालांकि, यह भी 20 पृष्ठों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
एक अलग आदेश में न्यायाधीश ने राणा और सरकार से प्रत्यर्पण की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने के संबंध में एक हफ्ते के भीतर स्थिति रिपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा है। न्यायाधीश ने कहा कि मौजूदा कानून के अनुसार प्रत्यर्पण के मामलों में सुनवाई सार्वजनिक तौर पर और किसी कमरे में या कार्यालय में हो सकती है जहां तक जनता आसानी से पहुंच सके। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण अभी व्यक्तिगत सुनवाई की अनुमति नहीं है। न्यायाधीश ने कहा, 'अदालत को अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या राणा को व्यक्तिगत सुनवाई से छूट दी जा सकती है और क्या वीडियो/टेलीफोन कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई हो सकती है।
बता दें कि राणा ने गत सप्ताह अदालत का रुख करते हुए कहा था कि वह भारत में उसके प्रत्यर्पण का अमेरिकी सरकार द्वारा समर्थन करने के विरोध में एक अतिरिक्त जवाब दाखिल करना चाहता है। डेविड कोलमेन हेडली के बचपन का दोस्त और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी राणा को भारत के अनुरोध पर पिछले वर्ष 10 जून को लॉस एंजिलिस से दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
वर्ष 2008 में मुंबई हुए हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। मुंबई हमलों की साजिश रचने में लश्कर- ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी हेडली शामिल था। उसे इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया था और वह हमले में अपनी भूमिका के लिए फिलहाल अमेरिका की जेल में 35 वर्ष के कारावास की सजा काट रहा है।
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