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मालदीव से सिंगापुर जा सकते हैं राजपक्षे, विक्रमसिंघे बोले- हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते

Subhi
14 July 2022 1:16 AM GMT
मालदीव से सिंगापुर जा सकते हैं राजपक्षे, विक्रमसिंघे बोले- हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते
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श्रीलंका इन दिनों एतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां के राष्ट्रपति भवन पर जनता ने कब्जा जमा लिया है। इस बीच खबर है कि राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे आज सुबह कोलंबो से मालदीव भाग निकले हैं।

श्रीलंका इन दिनों एतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां के राष्ट्रपति भवन पर जनता ने कब्जा जमा लिया है। इस बीच खबर है कि राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे आज सुबह कोलंबो से मालदीव भाग निकले हैं। वायुसेना के विशेष विमान से वह अपनी पत्नी व दो अंगरक्षकों के साथ मुल्क से फरार हो गए हैं। आज गोतबाया को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा भी देना था।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री के मीडिया प्रभाग ने बताया कि सोमवार (11 तारीख) को श्रीलंकाई पीएम ने कैबिनेट के सदस्यों के साथ बैठक की। भाग लेने वाले सभी मंत्रियों की राय थी कि जैसे ही सर्वदलीय सरकार बनाने का समझौता होगा, वे उस सरकार को जिम्मेदारियां सौंप देंगे। तदनुसार, सत्तारूढ़ दल और विपक्ष को एक सर्वदलीय सरकार बनानी चाहिए। कार्यवाहक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को एक ऐसे प्रधानमंत्री को नामित करने के लिए कहा है जो सरकार और विपक्ष दोनों के लिए स्वीकार्य है।

प्रदर्शनकारी की इलाज के दौरान मौत

फ्लावर रोड में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद अस्पताल में भर्ती 26 वर्षीय प्रदर्शनकारी की सांस लेने में तकलीफ के बाद मौत हो गई। प्रदर्शनकारी कोलंबो के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहा था।

श्रीलंकाई शरणार्थियों ने कहा, संकट अवसर भी मुहैया कराता है

श्रीलंकाई शरणार्थियों ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका में उत्पन्न मौजूदा संकट ने तमिल नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने और देश के आर्थिक रूप से पुनर्निर्माण का अवसर मुहैया कराया है। उन्होंने कहा कि आधिपत्य और जातीयता आधारित राजनीति से दूर रहने वाले नेताओं की नई नस्ल को सरकार गठन की पहल का नेतृत्व करना चाहिए और अपने प्रयासों में उन्हें तमिलों और मुसलमानों सहित लोगों के सभी वर्गों को शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सहयोगात्मक और दृढ़ कार्रवाई होगी।

श्रीलंका में हाल में उत्पन्न संकट के बाद तमिलनाडु पहुंचे 112 तमिलों में से एक महिला की मृत्यु हो गई और अन्य को दक्षिण रामनाथ पुरम जिले में आवासों में रखा गया है। श्रीलंका के उत्तर और पूर्वी प्रांतों में रहने वाले तमिलों के लिए वहां पर भोजन और ईंधन की कमी, बिजली कटौती और रोजगार के अवसरों की कमी की बात कोई नई चीज नहीं है। आर पद्मनाथन ने कहा कि यह तमिल लोगों के लिए नया नहीं है। पिछले 40 सालों से तमिल बिना बिजली के रह रहे हैं और हर चीज की कमी का सामना कर रहे हैं।


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