बरेली प्रोफेसर की गलत नियुक्ति के मामले में राजभवन और शासन ने मांगा जवाब
बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग में प्रोफेसर उपेंद्र कुमार की नियमों के खिलाफ नियुक्ति पर राजभवन और शासन ने जांच बैठा दी है। राजभवन ने कुलपति प्रो. केपी सिंह को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं शासन ने कुलसचिव से तथ्यात्तक आख्या मांगी है।
विश्वविद्यालय के पूर्व अस्थाई कर्मचारी जितेंद्र कुमार ने 25 अप्रैल को राजभवन और शासन में शिकायत कर आरोप लगाया था कि पादप विज्ञान विभाग में तैनात सहायक आचार्य उपेंद्र कुमार की विश्वविद्यालय परिनियमावली और यूजीसी के नियमों के विरुद्ध गलत नियुक्ति की गई है। आरोप है कि शिक्षक ने यूजीसी नेट वर्ष 2014 में एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी और सेट उत्तराखंड के लिए 2012 में पास किया, जो चार साल के लिए ही बायोटेक्नोलॉजी विषय में मान्य होना चाहिए।
आरोप लगाया कि शिक्षक का 10 साल का अनुभव सहायक आचार्य के समकक्ष वेतनमान में नहीं है। इसके अलावा पूर्व सेवा का लाभ निरंतर सेवा पर ही अनुमन्य होता है, जबकि उपेंद्र कुमार का उत्तराखंड काउंसिल फॉर बायोटेक्नोलॉजी से सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के बीच में सर्विस ब्रेक है और शिक्षक जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो की तरह थे।
इस मामले में कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी ने कुलपति को निर्देश दिए कि प्रत्यावेदन में लिखित तथ्यों का परीक्षण कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें और इसकी रिपोर्ट सचिवालय को उपलब्ध कराएं। वहीं विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने कुलसचिव से स्पष्ट और तथ्यात्मक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
विश्वविद्यालय में सभी नियुक्तियां यूजीसी के नियमों के तहत हुई हैं।