गुरुवार को कतर और संयुक्त अरब अमीरात में भारी बारिश हुई और सड़कें पानी से लबालब भर गईं. इस वजह से कई लोगों को होटलों में शरण लेनी पड़ी. बारिश के चलते यूएई के पूर्वी हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिसने घरों को क्षतिग्रस्त किया और कई गाड़ियां इसमें बह गईं.
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मौसम में इस आकस्मिक बदलाव के चलते यूएई के मौसम विभाग ने 'खतरनाक मौसम घटनाओं' के लिए रेड अलर्ट जारी किया. सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे फोटो वीडियो में पूरे दिन की बारिश के बाद हाइवे पर गाड़ियां पानी में तैरती नजर आ रही हैं. एक वीडियो में बचावकर्मी बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाते देखे जा सकते हैं.
अल अरबिया इंग्लिश ने बताया कि यूएई का आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 20 से अधिक होटलों के साथ संपर्क में है, जिसमें बाढ़ से विस्थापित हुए 1,885 से अधिक लोग रह सकते हैं. यूएई के मौसम विभाग का कहना है कि देश में बारिश ने 27 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
यूएई जैसा हाल कतर का भी है. राजधानी दोहा की सड़कें भारी बारिश के बाद पानी में डूबी हुई हैं. मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को हुई बारिश के चलते विश्व कप आयोजन स्थल के पास सड़कें और गाड़ियां जलमग्न हो गईं.
अल जजीरा ने बताया कि तूफान और बारिश गुरुवार तड़के शुरू हुई और इस हफ्ते के आखिर तक जारी रह सकती है। मौसम विभाग के अनुसार दोहा में करीब 38 मिमी बारिश दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार दोहा में जुलाई के महीने में बारिश सामान्य नहीं है.
आमतौर पर यहां गर्मियों का मौसम सूखा और बेहद गर्म होता है. भारत में भी राजस्थान जैसे मरुस्थलीय इलाकों में इन दिनों भारी बारिश का कहर देखा जा रहा है जिससे कई शहर पानी में डूब गए हैं और कई जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है.
रेगिस्तानों में हो रही बारिश और यूरोपीय देशों व ब्रिटेन में बरस रही आग जलवायु परिवर्तन का सबसे घातक उदाहरण है. कुछ दिनों पहले ठंडे देश इंग्लैंड में इतिहास का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया. दक्षिण-पश्चिम लंदन के हीथ्रो में तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.