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50 साल में ही ये 13 गुना बड़े इलाके में फैल गए.
ऑस्ट्रेलिया पिछले एक दशक से एक बड़ी चुनौती से जूझ रहा है. यह चुनौती उसे उसका सबसे बड़ा 'दुश्मन' दे रहा है. इस 'दुश्मन' ने ऑस्ट्रेलिया में करीब 150 साल पहले इस देश में एंट्री ली. तब इनकी संख्या महज 24 थी. धीरे-धीरे इनका दायरा बढ़ता गया और आज 150 साल बाद इनकी आबादी 20 करोड़ के पार जा चुकी है. यह संख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी से अधिक है. यह दुश्मन देश में रहते हुए ऑस्ट्रेलिया को हर साल करीब 1,600 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कौन है जो इस देश को इस तरह डैमेज कर रहा है. इसका जवाब है खरगोश. जी हां, मासूम से दिखने वाले इस जानवर ने इस देश की चिंता बढ़ा दी है. बेशक आपको अब भी यकीन न हो रहा हो, लेकिन आंकड़े यही कहते हैं. चलिए आपको बताते हैं पूरी कहानी.
ऐसे पहुंचा रहे हैं नुकसान
ऑस्ट्रेलिया में आज, यूरोपीय नस्ल के जंगली खरगोश चरागाहों और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. यही नहीं इनकी वजह से जमीन की उत्पादकता भी कम हो रही है. इसके अलावा यह दूसरे देसी वन्यजीवों के साथ भी प्रतिस्पर्धा करते हैं. साइंस के जैक टैमीसिया के अनुसार, खरगोश की ये आक्रामक प्रजातियां लगभग 300 प्रकार के पौधों और जानवरों के लिए खतरा हैं. वहीं, 'स्मृति मल्लपति' की मानें तो इनकी वजह से ऑस्ट्रेलिया को कृषि क्षेत्र में हर साल करीब 200 मिलियन डॉलर यानी करीब 1600 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचता है.
1859 में क्रिसमस में आया था गिफ्ट
फसलों, पेड़-पौधों और दूसरे जानवरों को नुकसान पहुंचाने वाले इन खरगोशों की संख्या 20 करोड़ से अधिक है. ये ऑस्ट्रेलिया के लिए एक आपदा बनते जा रहे हैं. बता दें कि ये खरगोश ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय जीव नहीं हैं. इन्हें इनवेसिव स्पीशिज की कैटेगरी में रखा गया है. इनके ऑस्ट्रेलिया तक जाने की कहानी भी मजेदार है. दरअसल, 25 दिसंबर 1859 को क्रिसमस के खास मौके पर मेलबर्न पोर्ट पर आए इंग्लैंड के एक जहाज में एक शख्स के लिए खास गिफ्ट आया था. थॉमस ऑस्टिन नाम के एक शख्स के लिए क्रिसमस गिफ्ट के रूप में इग्लैंड से 24 खरगोश आए थे. मूलरूप से इंग्लैंड के ऑस्टिन ऑस्ट्रेलिया में अपने घर के कंपाउंड में कई खरगोश पालना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इन्हें इंग्लैंड से मंगवाया था. इस 24 खरगोश में कुछ जंगली थे और कुछ पालतू थे. महज तीन साल में ही इन 24 खरगोशों से हजारों खरगोश का जन्म हुआ.
इतनी तेजी से फैल रही आबादी
हाल ही में हुए एक रिसर्च में सामने आया है कि ऑस्टिन को जो खरगोश इंग्लैंड से भेजे गए उन्हें मेलबर्न पहुंचने में 80 दिन लगे. जहाज में जंगली और पालतू खरगोशों के बीच इंटरब्रीडिंग हुई. लिहाजा 100 किमी प्रति वर्ष की दर से इन खरगोशों की आबादी फैलती गई. 50 साल में ही ये 13 गुना बड़े इलाके में फैल गए.
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