पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) में यूक्रेन (Ukraine Crisis) और रूस के बीच का टकराव अब बड़ा संकट बनता जा रहा है. हाल ही में रूस ने यूक्रेन के कुछ हिस्सों को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है. इसके बाद कई देश रूस के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. अमेरिका (US) ने रूस (Russia) के ऊपर आर्थिक पाबंदियां लगाने का ऐलान किया है. जापान (Japan) और ब्रिटेन (UK) जैसे अमेरिका के सहयोगी देश भी रूस के खिलाफ कदम उठाने की तैयारी में हैं.
अमेरिका के समर्थन से उठ रहे सवाल
इन सब के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि ये प्रतिबंध और एक्शन खतरे का संकेत हैं. इस बीत यूक्रेन के पक्ष में अमेरिका का समर्थन कई लोगों के मन में सवाल खड़े कर रहा है.
GDP के लिहाज से अहम नहीं यूक्रेन
यूक्रेन के मामले में अमेरिका का समर्थन कई इकोनॉमिक फैक्टर्स पर डिपेंड करता है. यूक्रेन तेल के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाता है. ट्रेंडिंग इकोनॉमिक्स के आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन की GDP का साइज (Ukraine GDP Size) महज 164 बिलियन डॉलर के आस-पास है. यह अमेरिका के ज्यादातर राज्यों की GDP से कम है.
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दूसरी ओर चाहे कैस्पियन सागर (Caspian Sea) का विशाल तेल भंडार हो या यूरोप के सप्लाई पाइपलाइन (Ukraine Gas Pipeline) हों, यूक्रेन की भूमिका अहम है. क्रूड ऑयल (Crude Oil) और नेचुरल गैस (Natural Gas) के अलावा रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) के भंडार भी उसे महत्वपूर्ण बनाते हैं.