डेनिश रानी (Danish Queen) मार्ग्रेट -II (Margrethe II) ने अपने आठ पोते-पोतियों में से चार को उनके शाही खिताब से वंचित करने का फैसला किया. 82 वर्षीय सम्राज्ञी ने गुरुवार को घोषणा की कि उनके छोटे बेटे प्रिंस जोआचिम के बच्चे अब अगले साल से राजकुमार (Prince) और राजकुमारी (Princess) के रूप में नहीं जाने जाएंगे.
द रॉयल हाउस ऑफ़ डेनमार्क और से जारी बयान के मुताबिक महारानी चार पोते-पोतियों के लिए (विशेष विचारों और कर्तव्यों से सीमित हुए बिना) अपने स्वयं के जीवन को आकार देने में सक्षम होने के लिए रूपरेखा तैयार करना चाहती है. प्रिंस जोआचिम के वंशजों को भविष्य में महानुभावों के रूप में संबोधित किया जाएगा. बयान के मुताबिक सभी चारों बच्चे उत्तराधिकार के क्रम में अपना स्थान बनाए रखेंगे.
अन्य शाही घरानों ने अपनाई है ऐसी व्यवस्था
रानी का निर्णय उस तरह की व्यवस्था के अनुरूप है जो अन्य शाही घरानों ने हाल के वर्षों में विभिन्न तरीकों से अपनाई है.
इससे पहले मई 2016 में, यह भी घोषणा की गई थी कि महारानी के पोते-पोतियों में से एकमात्र, हिज रॉयल हाइनेस प्रिंस क्रिश्चियन, (His Royal Highness Prince Christian) को एक वयस्क के रूप में राज्य से वार्षिक भत्ता प्राप्त करने के हकदार होंगे.
राजकुमार और राजकुमारी के खिताब होंगे वापस
रानी ने फैसला किया है कि 1 जनवरी 2023 तक, हिज रॉयल हाइनेस प्रिंस जोआचिम के वंशज अपने खिताब का उपयोग केवल मोनपेज़ैट के काउंट और काउंटेस (Counts And Countess Of Monpezat) के रूप में कर सकते हैं. राजकुमार और राजकुमारी के खिताब बंद कर दिए जाएंगे.
बता दें ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) की मृत्यु के बाद, डेनमार्क की रानी मार्ग्रेट II अब यूरोप की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली सम्राट हैं.