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यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) में आसमान से ‘आग’ बरसना शुरू हो गयी है.
दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप अभी भी जारी है, ऐसे में इस महामारी को हराने का इकलौता उपाय कोविड रोधी टीका ही है। इसी बीच दुनिया के महत्वपूर्ण समूहों में एक क्वाड का बड़ा बयान सामने आया है। व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर के बावजूद क्वाड देश दक्षिणपूर्व एशिया में लोगों को 2022 तक एक अरब टीके उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जारी है।
ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका (क्वाड) के नेताओं ने अपने पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान मार्च में दक्षिणपूर्व एशिया को एक अरब टीके उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जतायी थी। इन टीकों का निर्माण भारत में होना था लेकिन कोविड-19 महामारी की अभूतपूर्व दूसरी लहर के कारण कुछ लोग संदेह जता रहे हैं कि क्या क्वाड 2022 तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा कर सकेगा।
व्हाइट हाउस के हिंद-प्रशांत नीति निदेशक कर्ट कैम्पबेल ने कहा, ''हमने भारत में अपने साझेदारों के साथ करीबी बातचीत की है। जाहिर तौर पर यह भारतीय मित्रों के लिए बहुत मुश्किल वक्त है। अमेरिका ने दिल्ली के साथ खड़े रहने और उनकी मदद करने के लिए दूसरों को निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों में लाने की कोशिश की।''
उन्होंने कहा, ''निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र दोनों में हमारे साझेदारों के साथ हुई बातचीत से पता चलता है कि 2022 के लिए हम अब भी प्रतिबद्ध हैं।'' उन्होंने कहा कि जिन देशों ने सामाजिक दूरी और मास्क लगाने के नियमों को बहुत बेहतर तरीके से लागू किया, वे भी अब कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के प्रकोप का सामना कर रहे हैं।
कैम्पबेल ने कहा, ''इसलिए हम समझते हैं कि इससे निपटने का एकमात्र प्रभावी तरीका टीका है।'' उन्होंने कहा कि क्वाड नेताओं की बैठक कराने और शरद ऋतु में वाशिंगटन में ''बेहद महत्वाकांक्षी बैठक'' कराने का लक्ष्य है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 12 मार्च को क्वाड नेताओं की पहली वर्चुअल बैठक की मेजबानी की थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए थे।
कैम्पबेल ने कहा, ''सभी नेताओं के शामिल होने से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम तय समय पर टीके उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।'' क्वाड के विस्तार पर आ रही खबरों पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकारों के बीच सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
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