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मुक्त और समावेशी बनाए रखने की दिशा में सहयोग पर दृष्टिकोण साझा करेंगे.
क्वाड (Quad Countries) देशों का पहला सम्मेलन शुक्रवार को आयोजित हो रहा है. जिससे पहले चीन में खलबली मच गई है. सम्मेलन को लेकर व्हाइट हाउस (White House) ने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के शीर्ष नेता 'क्वाड' के होने वाले सम्मेलन में कोविड-19 (COVID 19) की चुनौतियों, आर्थिक संकट, जलवायु परिवर्तन जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. हिंद-प्रशांत (Indo Pacific) क्षेत्र में चीन (China) के बढ़ते दखल के खिलाफ वैश्विक स्तर पर बढ़ रही चिंताओं के बीच चार देशों के गठबंधन 'क्वाड' की यह बैठक हो रही है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी (Jen Psaki) ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं का सम्मेलन 12 मार्च को ऑनलाइन तरीके से आयोजित होगा. उन्होंने कहा, 'यह कार्यक्रम राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के उन बहुपक्षीय कार्यक्रमों में से एक है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगियों और साझेदारों के साथ निकट सहयोग को अहमियत देने से जुड़ा हुआ है.'
इन मुद्दों पर होगी चर्चा?
उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि इसमें कोविड-19 की चुनौतियों, आर्थिक सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे अनेक मुद्दों पर चर्चा होगी जिनका सामना पूरी दुनिया कर रही है.' साल 2004 में सुनामी के बाद 'क्वाड' बनाने का विचार आया और 2007 में इसे औपचारिक रूप दिया गया (Quad Countries). 'क्वाड' के विदेश मंत्री नियमित स्तर पर वार्ता करते हैं. शीर्ष स्तर पर शुक्रवार को पहली बार 'क्वाड' की बैठक होगी. साकी ने कहा कि शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति जो बाइडेन 'क्वाड' के अपने समकक्ष- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के साथ ऑनलाइन वार्ता करेंगे.
इन्हें महत्वपूर्ण साझेदार बताया
साकी ने भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान को अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार बताया. इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक अलग प्रेस वार्ता में कहा कि शिखर सम्मेलन पेश आ रही अहम चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर प्रयास करने और सहयोग को लेकर 'क्वाड' की क्षमता को प्रदर्शित करेगा (Quad Alliance). उन्होंने कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि क्वाड किसी खास चुनौती से निपटने के लिए नहीं है. यह किसी खास प्रतिद्वंद्वी को लेकर नहीं है. यह गठबंधन इसलिए हुआ है क्योंकि हमारे साझा हित हैं. निश्चित तौर पर समुद्री सुरक्षा उनमें से एक विषय हैं लेकिन इसके अलावा भी कई विषय हैं.'
साझा हित के मुद्दों पर होगी चर्चा
उन्होंने कहा, 'साझा हित के कई मुद्दे हैं. उसमें से कुछ नौवहन सुरक्षा, वैश्विक स्वास्थ्य, पर्यावरण से जुड़े हैं. मैं किसी एक चुनौती का जिक्र करने से परहेज करूंगा. हम साझा हित के मुद्दे उठा रहे हैं.' हिंद-प्रशांत (Indo Pacific Region) क्षेत्र में चीनी सेना (Chinese Army) की बढ़ती आक्रामकता के कारण बदल रहे हालात भी वैश्विक ताकतों के बीच चर्चा का मुद्दा है. क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका 'क्वाड' को आगे बढ़ा रहा है. बीजिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन का मानना है कि किसी भी क्षेत्रीय सहयोग ढांचे को शांतिपूर्ण विकास और परस्पर सहयोग के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए.
चीन ने क्या कहा?
'क्वाड' के शीर्ष नेताओं की पहली बैठक के बारे में पूछे जाने पर झाओ ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि संबंधित देश खुलेपन, समावेशिता और परस्पर सहयोग के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय देशों के साझा हितों को कायम रखेंगे और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अनुकूल कदम उठाएंगे (Quad Summit).' नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि चारों नेता साझा हितों वाले क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर वार्ता करेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला, मुक्त और समावेशी बनाए रखने की दिशा में सहयोग पर दृष्टिकोण साझा करेंगे.
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