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चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई है।
अफगानिस्तान संकट लगातार गहराता जा रहा है। तालिबान के कब्जे के बाद से रुस लगातार बयानबाजी कर रहा है। अब खबर है कि रुस संकट की इस घड़ी में अफगानिस्तान के घरेलू मामले में दखल नहीं करेगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद यहां के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। ऐसे में रुस उनके घरेलू मामले में दखल नहीं करेगा।
सशस्त्र बल भी नहीं होंगे शामिल- पुतिन
रुसी एजेंसी तास (Tass) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आगे बताया कि हम स्वाभाविक रूप से अफगानिस्तान के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और न ही हमारे सशस्त्र बलों को इस संघर्ष में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही पुतिन ने कहा कि यहां पर स्थिति कठिन बनी हुई है। हालांकि, रूस की इस पर कड़ी नजर है। राष्ट्रपति ने एक सम्मेलन में कहा कि सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (Collective Security Treaty Organization) में अपने सहयोगियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।
अफगानिस्तान से लेना चाहिए सबक- रूस
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अफगानिस्तान में सैनिकों की वापसी शुरू करने की घोषणा के बाद से ही तालिबान ने अफगान के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू किया कर दिया था। इसके बाद 15 अगस्त, 2021 के दिन तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और इससे हमको सबक लेना चाहिए। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया हालांकि, उसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने आकर देश छोड़ने की वजह बताई।
फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे के बाद से लगातार हालात बिगड़ रहे हैं। वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए दुनिया में लगातार निकासी अभियान चलाया जा रहा है। इतना ही नहीं तालिबानी कब्जे के बाद से यहां पर कई लोगों की जान भी चल गई है। चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई है।
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