पुतिन का पलड़ा हर तरह से बाइडन पर है भारी, रूस का चाहकर भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा अमेरिका, जानें
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच का तनाव फिलहाल कम होता दिखाई नहीं दे रहा है। इस तनाव को बढ़ाने के पीछे जो एजेंडा काम कर रहा है उसमें एक है अपना व्यापारिक हित तो दूसरा है खुद को एक महाशक्ति के रूप में बनाए रखना। बीते दिन विद्रोहियों द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने की खबर से हर किसी की धड़कनें बढ़ गई थीं। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी हुई थी जिसमें रूस के साथ अमेरिका और अन्य सदस्यों ने भी अपनी चिंता जाहिर की। आपको बता दें कि दो दिन पहले ही रूस ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें रूसी टैंकों को यक्रेन की सीमा से वापस जाते दिखाया गया था। इसके बाद ऐसा लगने लगा था कि अब ये तनाव कम होने की शुरूआत है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मौजूदा परिस्थिति में एक बार फिर से ये संकट गहराता दिखाई दे रहा है। लेकिन यहां पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि यदि रूस यूक्रेन में युद्ध हुआ तो अमेरिका कितना यूरोपीय देशों का साथ दे सकेगा। एक और सवाल ये भी है कि इस जंग में किस का पलड़ा अधिक भारी है।