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पुतिन का बड़ा बयान, NATO और रूस के बीच जंग करना चाहता है यूक्रेन
jantaserishta.com
6 March 2022 4:01 AM GMT
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मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि किसी तीसरे की ओर से यूक्रेन के ऊपर 'नो फ्लाई जोन' घोषित करने को मास्को 'युद्ध में शामिल' होना करार देगा। महिला पायलटों के साथ एक बैठक में शनिवार को पुतिन ने कहा कि इस दिशा में उठाए गए किसी भी कदम को रूस एक हस्तक्षेप मानेगा और रूस की सेना के प्रति खतरे के तौर पर देखेगा। उन्होंने कहा, 'उसी क्षण हम उन्हें सैन्य संघर्ष में शामिल मानेंगे और इससे फर्क नहीं पड़ेगा कि वे किसके सदस्य हैं।'
पुतिन ने कहा कि कीव के कदम यूक्रेन के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे (कीव) जो कर रहे हैं, उसे जारी रखते हैं तो वे एक देश के रूप में यूक्रेन के भविष्य को खतरे में डाल देंगे। रूसी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि रूस यूक्रेन में अति-राष्ट्रवादी ताकतों के साथ सहयोग करने की ब्रिटेन की इच्छा और कीव शासन को ब्रिटिश हथियारों की आपूर्ति को नहीं भूलेगा। रूसी विदेश मंत्रालय कहा, 'आइए, यूक्रेन में कीव शासन और अति-राष्ट्रवादी ताकतों के साथ अंग्रेजों के सहयोग को याद करें। इन दिनों ब्रिटिश हथियारों की लगातार आपूर्ति हो रही है, जिनका उपयोग डोनबास की नागरिक आबादी और रूसी सेना के खिलाफ किया जा रहा है।'
मास्को ने बताया कि वास्तव में लंदन ने अपनी विदेश नीति को रूसी राष्ट्रीय हितों को जितना संभव हो, उतना नुकसान पहुंचाने की तरफ मोड़ दिया है। आरटी के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा, 'अभी के लिए ब्रिटिश विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रस अपने हमवतन से यूक्रेन के लिए लड़ने की अपील कर रही हैं और हाउस ऑफ कॉमन्स में सभी रूसियों को ब्रिटेन से बाहर भेजने के लिए कॉल कर रही हैं।' रूसी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक प्रतिनिधि मारिया जखारोवा ने कहा कि रूस एंग्लो-सैक्सन को देश के मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देगा।रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इस बात से इनकार नहीं किया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की रूस और नाटो के बीच संघर्ष को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और यह बात उनके 'सैन्यवादी उन्माद' से पता चलती है। आरटी कि रिपोर्ट के अनुसार, लावरोव ने कहा, 'उन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए वह अपने क्यूरेटरों के प्रति थोड़े कठोर हैं। मुझे आश्चर्य है कि क्या वह इसलिए इतने परेशान हैं कि नाटो उनके लिए खड़ा नहीं हुआ, जैसा कि उन्होंने आशा की थी। इसलिए वह अभी भी इस पूरे घटनाक्रम में नाटो को शामिल करके संघर्ष के समाधान पर निर्भर हैं। बातचीत के जरिए नहीं?'
किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबेव के साथ बैठक के बाद मंत्री ने कहा, 'यह पता चल रहा है कि वह वाशिंगटन, पेरिस, बर्लिन और अन्य राजधानियों से लगातार आ रहे बयान नहीं सुनते हैं कि नाटो इस संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहा है।' उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि जेलेंस्की नाटो और रूस के बीच संघर्ष को 'अभी भी भड़काने' का प्रयास कर रहे हैं। लावरोव ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि ऐसा नहीं लगता कि वे बातचीत के जरिए संघर्ष को खत्म करने के मूड (विचार) में हैं, लेकिन हम आशा करते हैं कि उनका मूड बदल जाएगा।
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