पिछले 8 महीने से चल रहे युद्ध के बीच अब रूस धीरे-धीरे पीछे हटता जा रहा है. इसी कड़ी में रूसी सेना ने ऐलान किया है कि वह यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन एवं उसके आसपास के क्षेत्रों से पीछे हट रही है. पिछले आठ महीने से चल रही इस लड़ाई में यह रूस के लिए एक अन्य अपमानकारी झटका माना जा रहा है. हालांकि यूक्रेन के अधिकारियों ने इस कदम की तत्काल पुष्टि नहीं की है. हाल के दिनों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि अपनी चाल में फंसाने के लिए खेरसॉन से हटने का स्वांग रूसी रच रहे हैं.
जेलेंस्की ने नागरिकों को रूसी नियंत्रण वाले 'युद्धक्षेत्र' में अंदर तक आने के लिए राजी करने की कोशिश को 'नाटक' करार दिया. यूक्रेन में रूसी सेना के शीर्ष कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने बुधवार को रक्षामंत्री सर्गेई शोइगू से कहा कि खेरसॉन तथा पश्चिमी तट के अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सामानों की आपूर्ति करना असंभव है. इस पर शोइगू पीछे हटने और पूर्वी तट पर रक्षा पंक्ति खड़ा करने के उनके प्रस्ताव पर राजी हो गये.
खेरसॉन से अपनी सेना का हटना रूस के लिए एक अन्य बड़ा झटका है. यही एकमात्र ऐसी प्रांतीय राजधानी थी जिसपर रूसी सैन्यबलों ने आठ महीने की लड़ाई के दौरान कब्जा किया था. जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने शोइगु को सूचना दी कि खेरसॉन शहर को आपूर्ति करना अब संभव नहीं है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि यह एक बहुत ही कठिन निर्णय है. बता दें कि खेरसॉन उन चार प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, जिसे पुतिन सरकार ने रूस में शामिल करने का ऐलान किया था.
वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बीते सोमवार की देर रात अंतरराष्ट्रीय समुदाय से "रूस को वास्तविक शांति वार्ता के लिए मजबूर करने" का आग्रह किया था और बातचीत के लिए अपनी सामान्य शर्तों को सूचीबद्ध किया था: यूक्रेन की सभी कब्जे वाली भूमि की वापसी, युद्ध से हुई क्षति के लिए मुआवजा और युद्ध अपराधों का मुकदमा चलाने को कहा.