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रूस के सबसे खूंखार अपराधियों के साथ यूक्रेन में जंग लड़ेंगे पुतिन, सेना में करेंगे भर्ती

Rounak Dey
7 Nov 2022 5:06 AM GMT
रूस के सबसे खूंखार अपराधियों के साथ यूक्रेन में जंग लड़ेंगे पुतिन, सेना में करेंगे भर्ती
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यूक्रेनी सेना का सामना कर पाएंगे जिन्हें अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं।
यूक्रेन से जंग लड़ रही रूस की सेना कई मुश्किलों से जूझ रही है। बड़ी संख्या में सैनिकों को गंवाने के बाद अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस के कुख्यात अपराधियों के साथ जंग लड़ने जा रहे हैं। पुतिन ने एक नए कानून पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत हत्या, डकैती, चोरी और मादक पदार्थों की तस्करी के अपराधियों को रूस की सेना में शामिल किए जाएगा। कुछ हफ्ते पहले पुतिन ने 3,00,000 रिजर्व सैनिकों की यूक्रेन में आंशिक तैनाती का आदेश जारी किया था। इस आदेश ने रूस में हड़कंप मचा दिया था
पुतिन के हस्ताक्षर किए नए कानून के मुताबिक, रूस के क्रिमिनल कोड के तहत हत्या, डकैती, चोरी, ड्रग्स स्मगलिंग और दूसरे गंभीर अपराधियों को सेना में शामिल किया जा सकता है। नए कानून के तहत अब उन्हें भी सेना में शामिल किया जा सकेगा जिन्हें पहले इसके लिए मना किया गया था। कुछ खास तरह के अपराधियों को सेना में सेवा देने से बाहर रखा गया है जिसमें राजद्रोह, बाल यौन शोषण, आतंकी गतिविधियों और जासूसी जैसे अपराध शामिल हैं।
जुटाए टारगेट से अधिक सैनिक
परमाणु या रेडियोएक्टिव पदार्थों के अवैध इस्तेमाल, सरकारी कर्मचारियों पर हमले, चरमपंथी गतिविधियों और विमान हाईजैक जैसे अपराधों में सजा पाने वाले दोषियों को भी सेना में शामिल नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को पुतिन ने कहा था कि क्रेमलिन ने अपनी सामान्य पुरुष आबादी से यूक्रेन में जंग लड़ने के अपने 3,00,000 के लक्ष्य से 18,000 अधिक सैनिकों को पहले ही जुटा लिया है। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पुतिन अफगान सैनिकों को भी रूस की सेना में भर्ती करना चाहते हैं।
अफगान सैनिकों पर पुतिन की नजर
खबरों में कहा गया था कि रूस 30,000 स्पेशल अफगान सैनिकों को सेना में भर्ती करना चाहता है। कहा जा रहा है कि काबुल में तालिबान के आने के बाद बचते-छिपते अफगान सैनिकों से रूसी अधिकारियों ने संपर्क किया है। अफगान कमांडो अमेरिका और ब्रिटेन के सैनिकों लड़ने के तरीकों से अच्छी तरह परिचित हैं। लिहाजा वे बेहतर तरीके से यूक्रेनी सेना का सामना कर पाएंगे जिन्हें अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं।

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