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जेलेंस्की के चक्रव्यूह में फंसे पुतिन? हमले की 10 कोशिशें नाकाम, रूसी सेना खदेड़ी गई
jantaserishta.com
20 April 2022 10:36 AM GMT
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Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब अपना फोकस डोनबास (Donbas) पर कब्जे में लगा दिया है. डोनबास पूर्वी यूक्रेन में पड़ता है और पश्चिमी यूक्रेन की तुलना में यहां रूसी समर्थक आबादी ज्यादा मानी जाती है. यूरोपीय अधिकारियों के मुताबिक, डोनबास में पहले से ही रूस के समर्थन में 10 से 20 हजार लड़ाके मौजूद हैं. हालांकि, इसके बावजूद रूसी सेना के लिए डोनबास पर कब्जा कर पाना मुश्किल हो रहा है.
जंग के 35 दिन पूरे होने के बाद रूस के सैन्य अधिकारी सर्गेई रत्स्कॉय ने कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान का पहला चरण पूरा हो गया है और अब रूसी सेना डोनबास को पूरी तरह आजाद कराने पर फोकस करेगी. हालांकि, एक्सपर्ट ने इसे रूसी सेना की नाकामी से जोड़ा था. एक्सपर्ट का मानना था कि इतने दिन की भीषण जंग के बाद भी कीव पर कब्जा न कर पाने के कारण रूस अब डोनबास पर ध्यान दे रहा है.
एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रूस ने पिछले 24 घंटे में अपनी सेना में दो और टुकड़ियों को जोड़ा है. इसके बाद यूक्रेन में रूसी सेना की 78 टुकड़ियां हो गईं हैं. एक टुकड़ी में 700 से 800 सैनिक हैं. यानी, यूक्रेन में 55 हजार से 62 हजार रूसी सैनिक मौजूद हैं. ये सारे सैनिक दक्षिण और पूर्व में हैं. पिछले हफ्ते तक यूक्रेन में रूसी सेना की 65 टुकड़ियां मौजूद थीं.
इनके अलावा डोनबास में रूसी समर्थक विदेशी लड़ाके भी मौजूद हैं. एक यूरोपीय अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि डोनबास में 10 से 20 हजार विदेशी लड़ाके हैं. ये लड़ाके सीरिया और लीबिया के हैं.
हालांकि, इतनी ताकत होने के बावजूद रूसी सेना को डोनबास में कब्जा करने में दिक्कत हो रही है. यूक्रेन का दावा है कि उसने डोनबास के डोनेत्स्क से सटे मारियांका शहर से रूसी सेना को खदेड़ दिया है. मार्च में मारियांका में रूसी सेना ने कब्जा कर लिया था. यूक्रेन का दावा है कि बीते 24 घंटे में डोनबास में कब्जे की 10 कोशिशें नाकाम कर दी गईं. यूक्रेनी सेना ने डोनबास में रूसी सेना के 12 टैंक, एक आर्टिलरी सिस्टम, 28 बख्तरबंद गाड़ियां, एक Su-34 एयरक्राफ्ट, एक Ka-52 हेलीकॉप्टर, 4 ड्रोन और एक क्रूज मिसाइल को तबाह कर दिया है.
यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि डोनबास में सोमवार से लड़ाई तेज हो गई है. मंगलवार को रूसी सेना ने डोनबास में भारी बमबारी की. रूस का दावा है कि 24 घंटे में यूक्रेन 1260 तोपखानों और 1214 सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए. इसके अलावा 60 ऐसी सैन्य सुविधाओं पर भी बम बरसाए गए, जहां लड़ाकू विमान रखे गए थे.
डोनबास पूर्वी यूक्रेन में पड़ता है. यहां की ज्यादातर आबादी रूसी भाषा बोलती है, इसलिए रूस इसे यूक्रेन से अलग करना चाहता है. डोनबास में 2014 से ही रूस समर्थित अलगाववादी और यूक्रेनी सेना के बीच संघर्ष चल रहा है. डोनेत्स्क (Donetsks) और लुहांस्क (Luhansk) भी डोनबास में ही आते हैं. जंग शुरू होने से दो दिन पहले ही पुतिन ने डोनेत्स्क और लुहांस्क को आजाद देश के तौर पर मान्यता दी थी.
पिछले हफ्ते रूस ने कहा था कि डोनबास पर कब्जा करना उसका मकसद है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि डोनबास में लड़ाई शुरू हो गई है. जेलेंस्की ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने रूसी सैनिक यहां हैं, हम लड़ेंगे.
डोनबास पर अगर रूस का कब्जा हो गया तो राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के दो टुकड़े करने में कामयाब हो जाएंगे. इसके अलावा डोनबास के अलग होने से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा. वो इसलिए क्योंकि यहां बड़ी संख्या में कोयला खदानें और यहां देश का औद्योगिक केंद्र भी है.
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