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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में मिलाने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर अमेरिका को करारा झटका दे दिया है। इससे पहले इन क्षेत्रों में रूस ने जनमत संग्रह कराने का दावा किया था।
रूस ने जनमत संग्रह के दौरान कहा था कि इन क्षेत्रों में हुए जनमत संग्रह में 90 फीसदी लोगों ने रूस में अपना विलय करने की बात कही है। हालांकि रूस की इस हरकत पर अमेरिका, यूक्रेन समेत कई पश्चिमी देशों ने आपत्ति जताई थी। इस जनमत संग्रह को फर्जी बताते हुए इन देशों ने रूस का कड़ा विरोध किया था।
बता दें कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन को सोवियत संघ का ही हिस्सा बताते है और देश के विघटन को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते रहते हैं। साल 2014 में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर क्रीमिया पर अपना कब्जा कर लिया था। ठीक इसी प्रकार अब रूस ने यूक्रेन पर हमला कर पूर्वी यूक्रेन पर अपना कब्जा कर लिया है।
रूस का कहना है कि पूर्वी यूक्रेन में रूसी मूल के ही लोगों की आबादी अधिक है और यहां की संस्कृति पूरी तरह से रूस मिलती है। ऐसे में इन इलाकों में रूस का दावा बनता है। बता दें इस साल के शुरूआत में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हो गया और अभी भी दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी है।
उस दौरान रूस ने कहा था कि यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की कोशिश की है। इससे रूस की सुरक्षा को खतरा है। ऐसे में रूस ने कहा था कि अपने सुरक्षा हितों के लिए उसने यूक्रेन पर हमला किया है। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को परमाणु हमले की चेतावनी दी थी।
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