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अपनी पांच बड़ी गलतियों के चलते यूक्रेन में हार रहे पुतिन

Rounak Dey
9 Oct 2022 6:23 AM GMT
अपनी पांच बड़ी गलतियों के चलते यूक्रेन में हार रहे पुतिन
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अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया।

मॉस्को : रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को कुछ दिनों में आठ महीने पूरे हो जाएंगे। कई झटकों और भारी नुकसान के बाद भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस लड़ाई को सही ठहरा रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने यूक्रेन के चार इलाकों को औपचारिक रूप से रूस में शामिल करने की घोषणा कर दी। लेकिन इसे पुतिन की 'जीत' नहीं कहा जा सकता। रिपोर्ट्स की मानें तो यूक्रेन में उनकी सेना हताशा का सामना कर रही है। जंग में रूसी जनता भी अपने राष्ट्रपति के साथ नहीं खड़ी है जिसकी तस्दीक देश छोड़कर भागते नागरिक कर रहे हैं। लिहाजा अपनी कुछ गलतियों के चलते पुतिन को यूक्रेन जंग में 'असफलता' का सामना करना पड़ रहा है। अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में पुतिन ने पांच गलतियां कीं जिनसे वह लगभग आठ महीने की इस जंग में फंस गए हैं।

पुतिन ने अपनी 'पसंद' के एक लंबे युद्ध के लिए अपनी सेना की तत्परता को आंकने में गलती की। अब रूस एक महंगे और कुछ हद तक 'अपमानजनक' लड़ाई में फंस गया है जिसमें उसका दुश्मन भले सैन्य रूप से कमजोर हो लेकिन उसके इरादे बेहद दृढ़ हैं। एक ओर यूक्रेनी अपनी मर्जी से अपने देश के लिए लड़ने और बलिदान के लिए तैयार हैं। दूसरी ओर रूसी सैनिक अपनी इकाइयों को छोड़कर भाग रहे हैं। पुतिन के आंशिक सैनिकों की लामबंदी के आदेश के बाद भी बड़े पैमाने पर रूसी देश छोड़कर भाग रहे हैं।
कीव को लेकर गलत साबित हुआ अनुमान
यूक्रेन की ताकत को लेकर गलतफहमी रूसी राष्ट्रपति की दूसरी सबसे बड़ी गलती थी। रूस को उम्मीद थी कि कीव कुछ ही दिनों में घुटने टेक देगा। उन्होंने यूक्रेन के कब्जे के प्रतिरोध और स्वतंत्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को कम करके आंका। पुतिन का तीसरा सबसे गलत अनुमान नाटो को लेकर था। उन्हें लग रहा था कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'अमेरिका फर्स्ट' दृष्टिकोण ने नाटो को कमजोर कर दिया है। लिहाजा पूर्व की घटनाओं पर उसकी प्रतिक्रिया सुस्त होगी। उनका मानना था कि रूसी तेल और गैस पर यूरोप की निर्भरता यूक्रेन पर मॉस्को के साथ संबंधों को तोड़ना मुश्किल कर देगी, लेकिन वह गलत थे।
नहीं लगा पाए अमेरिका की ताकत का अंदाजा
पुतिन अमेरिका की ताकत का अंदाजा लगाने में भी गलत साबित हुए। वह समझ रहे थे कि अफगान और इराक में फेल होने के चलते अमेरिका कमजोर स्थिति में है और चीन की बढ़ती ताकत के अलावा तमाम आर्थिक और घरेलू चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक बार फिर पुतिन गलत साबित हुए। यूक्रेन युद्ध को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मॉस्को के खिलाफ पूरे पश्चिम को एकजुट करने और रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया।

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