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रूस को घेरने की रणनीति का जमकर मुकाबला किया जाएगा। इसके लिए रूसी सेना किसी हद तक जा सकती है।
रूस यूक्रेन जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि यूक्रेन पर हमले के लिए अगर पश्चिम के परमाणु शक्ति संपन्न देशों ने मास्को के खिलाफ कोई साजिश रची तो पूरी मानवता को उसके परिणाम भुगतने होंगे। रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान पश्चिमी देशों के साथ अमेरिका को खुली चेतावनी है। आखिर उनके इस बयान के मायने क्या हैं। रूसी राष्ट्रपति ने संसद के माध्यम से रूसी योजना की रूपरेखा तय किया है। उन्होंने देश की जनता का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि पश्चिमी देश उनके देश को घेरना चाहते हैं। पश्चिमी देश इस जंग में रूस को हराना चाहते हैं और रूस की छवि को धूमिल करना चाहते हैं। आइए जानते हैं कि इन सब मामलों में विशेषज्ञों की क्या राय है। आखिर संसद में उनके इस भाषण के क्या निहितार्थ हैं।
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है, जब दुनिया रूस यूक्रेन जंग के खात्मे के लिए वार्ता की बात कह रही है। उधर, अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन को शस्त्रों की आपूर्ति करने में जुटे हैं। रूस ने इस आपूर्ति पर अपनी आपत्ति भी जताई है। प्रो पंत ने कहा कि पुतिन का इशारा परमाणु जंग को लेकर है। पुतिन ने यह साफ कर दिया है कि युद्ध का अगला पड़ाव परमाणु युद्ध ही होगा। उन्होंने यह संकेत दिया है कि इसके लिए पश्चिमी देश और अमेरिका जिम्मेदार होंगे।
2- प्रो पंत ने कहा कि पुतिन ने अपने भाषण में पश्चिमी देशों का जिक्र किया है। इस दौरान उन्होंने अमेरिका का नाम नहीं लिया। अलबत्ता परमाणु शक्ति देश के रूप में और संकेतों के माध्यम से अमेरिका को भी चेतावनी दिया है। उन्होंने साफ कहा कि परमाणु शक्ति संपन्न देशों ने उनके देश को सजा देने का प्रयास भी किया तो मानवता खतरे में पड़ जाएगी। गौरतलब है कि फेडरेशन आफ अमेरिकन साइंटिस्ट के मुताबिक रूस व अमेरिका के पास करीब चार-चार हजार परमाणु हथियार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराधी बता चुके हैं और कहते हैं कि उनकी कार्रवाई ने पश्चिमी देशों को यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराने तथा रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।
3- प्रो पंत ने कहा कि खास बात यह है कि रूसी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है जब फिनलैंड नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया में है। इसके साथ फिनलैंड ने रूस से सटी सीमा को और मजबूत करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव पारित किया है। इसके तहत रूस से सटे 1,300 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। इस क्रम में रूसी सीमा पर बाड़बंदी की जाएगी। रूस पहले से ही फिनलैंड को नाटो में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध कर रहा है। उसने फिनलैंड और पश्चिमी देशों को खुली धमकी दे रखी है।
4- प्रो पंत ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने अपने इस भाषण में यह संकेत दिया है कि यूक्रेन में तो युद्ध की शुरुआत है। प्रो पंत ने कहा कि उन्होंने संसद के जरिए अपने देश और दुनिया को यह संकेत दिया है कि यूक्रेन जंग जल्द खत्म होने वाला नहीं है। पुतिन ने साफ किया कि यूक्रेन युद्ध की अवधि लंबी होगी। उन्होंने यह भी इशारा किया कि यह जंग जितनी लंबी होगी उतनी वार्ता की उम्मीद कम होती जाएगी। पुतिन ने कहा पश्चिमी देश एकजुट होकर हमें हराना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा। इसके साथ पुतिन ने जंग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष परमाणु युद्ध की भी धमकी दी है।
5- प्रो पंत ने कहा कि पुतिन ने रूसी संसद के माध्यम से देश को यह संदेश दिया है कि रूस ने इस यूक्रेन जंग की शुरुआत नहीं किया है। उन्होंने इशारों में कहा है कि पश्चिमी देश दुनिया में रूस की छवि का एक आक्रामकता के रूप से पेश कर रहे हैं। इस बाबत उन्होंने कहा कि हम शांति चाहते हैं, हम वार्ता को खारिज नहीं करते है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा रूस को घेरने की रणनीति का जमकर मुकाबला किया जाएगा। इसके लिए रूसी सेना किसी हद तक जा सकती है।
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