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पुतिन: गैस की सप्‍लाई यूरोप को पाइपलाइन के एक हिस्‍से से की जा सकती है

Neha Dani
13 Oct 2022 7:07 AM GMT
पुतिन: गैस की सप्‍लाई यूरोप को पाइपलाइन के एक हिस्‍से से की जा सकती है
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24 फरवरी को जब से यूक्रेन में जंग शुरू हुई है तब से ही यह बहाव रुका हुआ है।

मास्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि उनका देश बाल्टिक सागर के जरिए जर्मनी जाने वाली नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन से यूरोप को गैस की आपूर्ति फिर शुरू करने के लिए तैयार है। पुतिन ने मास्को में एक ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए फिर आरोप लगाया कि नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन के दोनों लिंक और नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन के दो में से एक लिंक में विस्फोटों के पीछे अमेरिका का हाथ होने की आशंका है। पाइपलाइन में विस्फोटों के कारण बड़े पैमाने पर गैस का रिसाव हुआ और आपूर्ति ठप हो गई। अमेरिका पहले भी पुतिन के ऐसे आरोपों को खारिज कर चुका है।

पाइपलाइन की रिपेयरिंग संभव
राष्‍ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस की तरफ से गैस की सप्‍लाई यूरोप को पाइपलाइन के एक हिस्‍से से की जा सकती है। लेकिन गेंद अब यूरोप के पाले में है। उन्‍हें यह फैसला लेना है कि वो ऐसा चाहते हैं या नहीं। नॉर्ड स्‍ट्रीम 1 और नॉर्ड स्‍ट्रीम 2 पाइपलाइनों का निर्माण रूस ने बाल्टिक सागर की तलहटी में कराया था। पिछले महीने हुए एक ब्‍लास्‍ट में इस पाइपलाइन को खासा नुकसान पहुंचा है। इस ब्‍लास्‍ट की अंतरराष्‍ट्रीय जांच जारी है। पुतिन ने कहा कि इन पाइपलाइन को रिपेयर करना संभव है। नॉर्ड स्‍ट्रीम की तीन पाइपलाइन को नुकसान पहुंचा है। इस पाइपलाइन की एक ही लाइन नॉर्ड स्‍ट्रीम 2 ही काम कर रही है। इसकी क्षमता 27.5 अरब क्‍यूबिक मीटर है।
तीन देश कर रहे जांच
पुतिन ने कहा कि अगर यूरोप चाहे तो रूस उस एक लाइन के गैस टैप्‍स को खोल सकता है। पाइपलाइन इस समय यूक्रेन संकट में टकराव का बड़ा कारण बन गई है। डेनमार्क और स्‍वीडन के तट पर बाल्टिक सागर में लीक होती गैस से मुश्किलें बढ़ गई हैं। यूरोप को शक है कि रूस ने इस पाइपलाइन में ब्‍लास्‍ट किया है। वहीं रूस ने पश्चिमी देशों और अमेरिका को इसके लिए दोषी ठहराया है। जर्मनी, डेनमार्क और स्वीडन की तरफ से इस ब्‍लास्‍ट की जांच की जा रही है।
पुतिन ने दिया भरोसा
पुतिन का कहना है कि नॉर्ड स्‍ट्रीम 2 का लिंक सुरक्षित है और रूस यूरोप को गैस सप्‍लाई कर सकता है। नॉर्ड स्‍ट्रीम 2 पाइपलाइन के जरिए यूरोप तक कभी भी नैचुरल गैस की सप्‍लाई नहीं हो सकी क्‍योंकि जर्मनी ने इसके फ्लो को रोक दिया था। 24 फरवरी को जब से यूक्रेन में जंग शुरू हुई है तब से ही यह बहाव रुका हुआ है।

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