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मॉस्को इस जनमत संग्रह के दौरान किए गए फैसले का समर्थन करेगा.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन (Ukraine) के दो क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. इस हालिया फैसले के तहत रूस की सरकार ने यूक्रेन के खेरासन (Kherson) और जापोरिजिया (Zaporizhzhia) की स्वतंत्रता का ऐलान करते हुए इन क्षेत्रों की आजादी से जुड़े दस्तावेजों पर पुतिन ने हस्ताक्षर कर दिए हैं.
डिक्री पर हस्ताक्षर
इन क्षेत्रों के रूस में विलय के अधिकारिक ऐलान से पहले पुतिन ने एक कानूनी डिक्री पर साइन करते हुए इन इलाकों को स्वतंत्र यानी आजाद घोषित कर दिया है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने अधिकारिक बयान में कहा, 'मैं दक्षिणी यूक्रेन में स्थित जापोरिजिया और खेरसॉन राज्यों की संप्रभुता और स्वतंत्रता की मान्यता का आदेश देता हूं.' पुतिन ने इन क्षेत्रों की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग करने की धमकी भी दी है.
ये दोनों क्षेत्र रूस की ओर से अब स्वतंत्र घोषित कर दिए गए हैं. इन दस्तावेजों में कहा गया है कि रूस के राष्ट्रपति का यह बड़ा फैसला पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के सार्वभौमिक सिद्धांतों और मानदंडों पर आधारित है. जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित लोगों की समानता और आत्मनिर्णय के सिद्धांत को स्वीकार और पुष्टि करता है और एक जनमत संग्रह में जनता की इच्छा के संबंध में है.
इन चार क्षेत्रों पर होगा रूस का कब्जा
रूस, यूक्रेन के दोन्तेस्क और लुहान्स्क को पहले ही स्वतंत्र राज्य की मान्यता दे चुका है. रूस का दावा है कि यूक्रेन के कब्जे में रहे दोन्तेस्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया और खेरसॉन क्षेत्रों में हुए जनमत संग्रह में 99 फीसदी लोगों ने रूस के समर्थन में वोटिंग की थी.
रूस में विलय का ऐलान जल्द
इस बीच क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के मुताबिक यूक्रेन के चार शहरों को रूस में मिलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. इन क्षेत्रों के हेड क्रेमलिन के सेंट जॉर्ज हॉल में सभी जरूरी दस्तावेजों पर साइन करेंगे. इस मौके पर पुतिन का भाषण होगा. इसके लिए मॉस्को के रेड स्क्वायर में होर्डिंग और एक बड़ी वीडियो स्क्रीन लगाई गई है. इस विलय को लेकर एक खास शो भी तैयार किया गया है, जिसका प्रदर्शन समझौते पर साइन होने के बाद किया जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने रेफरेंडम के नाम हो रहे इस ऐनक्सेशन (जबरन विलय) पर सख्त ऐतराज जताते हुए इसकी निंदा की है. वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गुरुवार को कहा कि अगर रूस यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर कब्जा करने की अपनी योजना पर आगे बढ़ता है, तो यह एक खतरनाक कदम साबित होगा.
आपको बताते चलें कि 23 से 27 सितंबर तक रूस के कहने पर खेरासन और जापोरिजिया क्षेत्र में जनमत संग्रह कराया गया था. इसमें सवाल पूछा गया था कि क्या आप यूक्रेन को छोड़कर, एक स्वतंत्र राज्य बनाने और रूसी संघ में शामिल होने के पक्ष में हैं? इसके नतीजों के सामने आने के बाद ये बड़ा ऐलान किया गया है. इससे पहले पुतिन ने कहा था कि मॉस्को इस जनमत संग्रह के दौरान किए गए फैसले का समर्थन करेगा.
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