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पुतिन ने जहर देने के खौफ के चलते 1000 पर्सनल स्टाफ को नौकरी से हटाया

Gulabi Jagat
19 March 2022 2:23 PM GMT
पुतिन ने जहर देने के खौफ के चलते 1000 पर्सनल स्टाफ को नौकरी से हटाया
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जहर देने के लिए बदनाम है क्रेमलिन
रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अपने पर्सनल स्टाफ के लगभग 1000 सदस्यों को बदल दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि पुतिन को डर था कि कहीं ये लोग उन्हें जहर न दे दें. डेली बीस्ट की रिपोर्ट में रूसी सरकार के एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि नौकरी से हटाए गए लोगों में बॉडीगार्ड्स, कुक, कपड़े धोने वाला और सचिव शामिल हैं. रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले (Russia-Ukraine War) की दुनियाभर के देशों द्वारा व्यापक रूप से निंदा की गई है. इसके अलावा, पुतिन और उनके सहयोगियों पर दुनियाभर में कठोर प्रतिबंध लगाए गए हैं. रूस पर भी प्रतिबंधों की बौछार की गई है.
अमेरिका और पश्चिमी मुल्कों के अधिकारियों ने फरवरी में बार-बार चेतावनी दी थी कि रूस यूक्रेन के साथ अपनी साझा सीमा पर सैनिकों को जमा कर रहा है. उसका इरादा यूक्रेन पर हमला करने का है. हालांकि, क्रेमलिन ने लगातार हमले की बात को नकारा था. लेकिन 24 फरवरी को पुतिन के आदेश पर यूक्रेन पर हमला कर दिया गया. वहीं, अमेरिका के साउथ कैरोलिना के सांसद लिंडसे ग्राहम ने रूस के राष्ट्रपति की हत्या किए जाने की बात कही है. ग्राहम ने इस महीने की शुरुआत में पुतिन की तुलना एडोल्फ हिटलर से की थी. उन्होंने कहा था कि युद्ध को खत्म करने का एकमात्र तरीका ये है कि कोई इस व्यक्ति को निपटा दे.
जहर देने के लिए बदनाम है क्रेमलिन
लिंडसे ग्राहम ने डेली बीस्ट से बातचीत में कहा कि ऐसा किसी विदेशी सरकार द्वारा नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'क्रेमलिन के भीतर से इसका प्रयास होगा. रूसी खुफिया विभाग संभवतः एकमात्र ऐसा संस्थान बचा है, जो लोगों की हत्या के लिए उन्हें जहर देता है.' जहर दिए जाने की घटनाओं को पहले क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) से जोड़कर देखा जाता था. क्रेमलिन के आलोचकों को नर्व एजेंट नोविचिक दिया जाता था. पुतिन के सबसे बड़े आलोचक एलेक्सी नवालनी को अगस्त 2020 में नोविचिक दिया गया था. लेकिन इलाज मिलने की वजह से वह जीवित बच गए थे. हालांकि, वर्तमान में वह रूस की एक जेल में बंद हैं.
युद्ध में मारे गए रूस के पांच जनरल
वहीं, यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की वजह से अभी तक लाखों लोगों को देश छोड़ना पड़ा है. इन लोगों ने पोलैंड, रोमानिया, मोल्दोवा जैसे मुल्कों में शरण ली हुई है. दूसरी ओर, युद्ध में रूस को बड़े पैमाने पर नुकसान भी उठाना पड़ा है. अभी तक यूक्रेन संग जंग में रूस के टॉप पांच जनरल मारे गए हैं. यूक्रेन ने कहा है कि उसने हाल ही में रूस की 8वीं संयुक्त शस्त्र सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल आंद्रेई मोर्दविचेव (Andrei Mordvichev) यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसान के पास चोरनोबाइवका में मार गिराया गया है. ये पुतिन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, क्योंकि पहले ही चार जनरलों की मौत हो चुकी है.
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