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नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' एवं माधव कुमार अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' एवं माधव कुमार अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। प्रचंड धड़े ने गुरुवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इसके साथ नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर का कलह खुलकर सामने आ गया है। प्रचंड गुट के पार्टी प्रवक्ता नायरण काजी श्रेष्ठ ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थानों के लिए सदस्यों की नियुक्त अवैध है। यह असंवैधानिक है। प्रधानमंत्री ओली द्वारा हाल में मंत्रिमंडल में किए गए फेरबदल की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यवाहक सरकार को नई नियुक्त को कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है।
श्रेष्ठ ने कहा कि सरकार के इस कदम के विरोध में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रंचड गुट ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का फैसला लिया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि देश में हड़ताल के दौरान यातायात सेवा, सभी प्रमुख एवं संस्थान बंद रहेंगे। संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हड़ताल पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगी। गौरतलब है कि बुधवार को मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की उपस्थिति में करीब चार दर्जन लोगों की संवैधानिक निकायों के पद और गोपनियता की शपथ दिलाई गई। प्रचंड गुट का कहना है यह संसदीय परंपरा के प्रतिकूल और असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि जब संसद भंग हो चुकी है तो संवैधानिक निकायों पर नियुक्त असंवैधानिक है। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि यह ओली सरकार की तानासाही प्रवृत्ति को दर्शाता है।
बता दें कि 20 दिसंबर, 2020 को नेपाल में राजनीतिक संकट की स्थिति उस समय पैदा हो गई, जब चीन समर्थक ओली ने संसद भंग करने की सिफारिश कर दी। ओली को यह कदम चौंकाने वाला था। उन्होंने यह कदम प्रचंड के साथ चल रहे राजनीतिक संघर्ष के कारण उठाया। सदन को भंग करने के ऐलान के बाद नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे बड़े धड़े का विरोध शुरू हो गया। इसका नेतृत्व पार्टी के सह अध्यक्ष प्रचंड कर रहे हैं।
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