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राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) के खिलाफ 2018 में हुए प्रदर्शनों की तरह है.
फ्रांस (France) में भी कनाडा (Canada) जैसे ट्रकों के प्रदर्शनों का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में पेरिस पुलिस (Paris Police) ने गुरुवार को कहा कि वे कनाडा की राजधानी ओटावा (Ottawa) में कोरोनावायरस प्रतिबंधों (Coronavirus) के खिलाफ हुए 'फ्रीडम कॉन्वॉय' (Freedom convoys) पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. ट्रक ड्राइवरों के इस प्रदर्शन की वजह से ओटावा पूरी तरह से थम सा गया है. शहर की पुलिस ने एक बयान में कहा, 'प्रमुख सड़कों पर जाम को रोकने, टिकट जारी करने और इस विरोध प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए विशेष तैनाती होगी.'
पुलिस ने कहा कि सड़कों को ब्लॉक करने वालों को दो साल की जेल की सजा हो सकती है. इसके अलावा, उन पर 4500 यूरो (लगभग 3,85,609 रुपये) का जुर्माना और तीन साल का ड्राइविंग बैन भी लगाया जाएगा. पेरिस पुलिस का यह कदम बुधवार को फ्रांस के आसपास से कारों, वैन और मोटरबाइकों के कई काफिलों को देखे जाने के बाद आया है. इन वाहनों के साथ लोग फ्रांस की राजधानी में जुटने के लिए तैयार हैं. ये लोग कनाडा में हुए प्रदर्शनों से प्रेरित हैं. दरअसल, कनाडा में अमेरिका के साथ सीमा पार करने के लिए ट्रक ड्राइवरों के लिए कोविड टेस्टिंग अनिवार्य कर दी गई है. इसे लेकर उन्होंने ओटावा में प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों को 11 से 14 फरवरी तक शहर में नहीं मिलेगी एंट्री
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी ऐसे ही प्रदर्शन देखने को मिले हैं. दूसरी ओर, फ्रांस में अन्य शहरों से लोगों के राजधानी की ओर आने की आशंका है. पेरिस प्रान्त ने कहा कि सार्वजनिक अव्यवस्था के जोखिम का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों को 11 फरवरी से 14 फरवरी तक राजधानी में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाएगा. दक्षिणी फ्रांसीसी शहर बेयोन में इस तरह के प्रदर्शन में भाग लेने वाले 52 वर्षीय आईहैंडे एबेबेरी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि सामान्य जीवन के कामों के लिए वैक्सीन पास की जरूरत को अनिवार्य करना, सरकार द्वारा उठाया गया सही कदम नहीं है.
फ्रांस में लगाए गए हैं सबसे कम प्रतिबंध
फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ग्रेबियल अट्टल ने कहा कि उन्होंने वायरस को लेकर उठाए गए कदमों की वजह से लोगों को हो रही परेशानी के बारे में मालूम है. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यूरोप के अन्य देशों के मुकाबले फ्रांस में लोगों की आजादी का उल्लंघन करने वाले सबसे कम प्रतिबंध लागू किए गए हैं. दक्षिणपंथी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मरीन ले पेन (Marine Le Pen) ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों के लक्ष्यों को समझती हैं. उन्होंने कहा कि येराष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) के खिलाफ 2018 में हुए प्रदर्शनों की तरह है.
Rounak Dey
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