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गोटाबाया के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, सर्वदलीय अंतरिम सरकार गठन पर नहीं बनी बात

Gulabi Jagat
11 April 2022 3:28 PM GMT
गोटाबाया के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, सर्वदलीय अंतरिम सरकार गठन पर नहीं बनी बात
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सर्वदलीय अंतरिम सरकार गठन पर नहीं बनी बात
कोलंबो, पीटीआइ। श्रीलंका को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के निर्दलीय सांसदों के बीच वार्ता बेनतीजा रही। इसके साथ ही देश में सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाने का प्रयास भी विफल हो गया। इस बीच, गोटबाया के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहे।
गोटाबाया ने 11 पार्टियों के गठबंधन को देश की खराब आर्थिक स्थिति पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें 42 निर्दलीय सांसद हैं। निर्दलीय गुट के सदस्य वासुदेव नानायकारा ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, 'हमने अपने पत्र पर चर्चा की, जिसमें हमारे प्रस्ताव से जुड़े 11 बिंदुओं का उल्लेख है। बातचीत जारी रहेगी।'
नानायकारा व 41 अन्य सांसदों ने पिछले हफ्ते सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी, लेकिन विपक्ष में शामिल होने से इनकार कर दिया था। निर्दलीय समूह के एक अन्य सदस्य अनुरा यापा ने राजपक्षे के साथ बैठक से पहले कहा था कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेन की उपस्थिति में मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा से मुलाकात की थी। यापा ने कहा, 'बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला।'
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल के शेष 26 सदस्यों की नियुक्ति में और देरी हो सकती है। पिछले हफ्ते पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद राजपक्षे ने सिर्फ चार मंत्रियों को नियुक्त किया है। दूसरी तरफ, सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'यह नई पीढ़ी है, जो यहां विरोध कर रही है। हम पिछले 74 वषरें में सभी राजनीतिक गलतियों के लिए जवाबदेही चाहते हैं।'
माना जा रहा है कि 13-14 अप्रैल को राष्ट्रीय नववर्ष पर लोग राजधानी कोलंबो के बाहरी इलाकों में एकत्रित होंगे। देश के कुछ हिस्सों में गोटाबाया के समर्थन में भी लोग एकत्रित हुए। उन्होंने राजपक्षे परिवार से सत्ता में बने रहने की अपील की।
संवैधानिक प्रविधानों का होगा इस्तेमाल : प्रेमदासा
एएनआइ के अनुसार, विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने पाकिस्तान की तरह अविश्वास प्रस्ताव की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि वे श्रीलंका की मौजूदा सरकार को बदलने के लिए संवैधानिक प्रविधानों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था है और हमारी अपनी। हम अपने देश के संविधान का अनुकरण करेंगे।' प्रेमदासा ने इस विकट घड़ी में पूरी दुनिया से श्रीलंका की मदद करने की अपील की।
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