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देशों के लिए ज्यादा मददगार साबित होगी, क्योंकि उन देशों में स्टोरेज की बड़ी समस्या है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को चीन (China) की 'सिनोवैक' वैक्सीन (Sinovac Covid vaccine) को इमरजेंसी उपयोग सूची (Emergency Use) में शामिल करने की मंजूरी दे दी. WHO ने कहा, इसने आज आपात इस्तेमाल के लिए सिनोवैक-कोरोनावैक कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी. देशों, खरीद एजेंसियों और समुदायों को यह आश्वासन दिया गया है कि ये वैक्सीन सुरक्षा, प्रभाव और निर्माण के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है. बीजिंग (Beijing) स्थित दवा कंपनी सिनोवैक (Sinovac) द्वारा ये वैक्सीन बनायी गई है.
WHO के सहायक-महानिदेशक डॉ मारियांजेला सिमाओ ने कहा, दुनिया को कई कोविड-19 वैक्सीन की सख्त जरूरत है. हम निर्माताओं से कोवैक्स कार्यक्रम में भाग लेने, अपने ज्ञान और आंकड़े को साझा करने और महामारी को नियंत्रण में लाने में योगदान करने का आग्रह करते हैं. इससे पहले, WHO ने सात मई को आपात इस्तेमाल के लिए चीन के सिनोफार्म (Sinopharm) कोविड-19 वैक्सीन को सशर्त मंजूरी दी थी. इस तरह WHO द्वारा मंजूरी दी जाने वाली 'सिनोवैक' वैक्सीन चीन की दूसरी वैक्सीन है. दूसरी ओर, कुछ WHO एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस वैक्सीन को लेकर कुछ सबूत और डाटा अभी भी कम हैं.
WHO की मंजूरी से पहले ही कई मुल्कों में प्रयोग हो रही थी वैक्सीन
स्वास्थ्य निकाय की मंजूरी के बाद सिनोवैक वैक्सीन का इस्तेमाल कोवैक्स प्रोग्राम (Covax programme) के लिए किया जा सकता है. बता दें कि कोवैक्स प्रोग्राम का लक्ष्य वैक्सीन तक एक समान पहुंच सुनिश्चित करना है. हालांकि, WHO की मंजूरी से पहले ही दुनिया के कई मुल्कों में इस चीनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था. सिनोवैक वैक्सीन की दूसरी डोज दो से चार हफ्ते के अंतराल पर लेनी होती है. WHO ने कहा कि आपातकालीन स्वीकृति का मतलब है कि वैक्सीन सुरक्षा, प्रभावकारिता और निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है.
सामान्य फ्रीज के तापमान पर स्टोर की जा सकती है वैक्सीन
चीन ने कहा है कि इसने कोवैक्स प्रोग्राम के लिए एक करोड़ वैक्सीन डोज को तैयार किया है. इसने लक्ष्य रखा है कि ये इस साल के अंत तक तीन अरब डोज को तैयार कर लेगा. चीन के अलावा, चिली, ब्राजील, इंडोनेशिया, मेक्सिको, थाईलैंड और तुर्की में सिनोवैक वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सिनोवैक वैक्सीन की एक खासियत ये है कि इसे सामान्य फ्रीज के दो से आठ डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है. इसका मतलब ये है कि सिनोवैक वैक्सीन विकासशील देशों के लिए ज्यादा मददगार साबित होगी, क्योंकि उन देशों में स्टोरेज की बड़ी समस्या है.
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