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संयुक्त बयान में तालिबान के फैसले को ‘बेहद परेशान करने वाला’ बताया गया है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) की तालिबानी सरकार ने छठी कक्षा के बाद लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगा दी है. उसने अपने वादे से मुकरते हुए माध्यमिक स्कूल (Taliban Girls School) नहीं खोले. जिसके विरोध में महिलाएं और लड़कियां सड़कों पर उतर आई हैं. तालिबान के शिक्षा मंत्रालय के बाहर शनिवार को लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. इन्होंने लड़कियों के लिए स्कूल खोलने की मांग की. जैसे ही नया शैक्षिक वर्ष शुरू होने के बाद लड़कियों ने स्कूल आना शुरू किया, तालिबान (Taliban) ने बीते हफ्ते ऐन मौके पर स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया.
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, 'शिक्षा हमारा अधिकार है! लड़कियों के स्कूल के दरवाजे खोलो.' जब महिलाएं और लड़कियां इस तरह नारे लगा रही थीं, तब तालिबान के बंदूकधारी इन्हीं की तरफ देख रहे थे. एक महिला शिक्षक ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, 'जब भी आजादी के लिए खड़े होने की बात आती है और उन लड़कियों की बात, जो स्कूल जाना चाहती हैं, तो मैं उनके लिए मरने को तैयार हूं. हम यहां अपनी बेटियों के शिक्षा के अधिकार के लिए हैं. उस अधिकार के बिना, हम पहले ही मर चुके होंगे.'
लोगों को प्रदर्शन करने से नहीं रोका
इससे पहले तालिबान ने लोगों की आवाज के दबाते हुए उन्हें विरोध प्रदर्शन करने से रोका है और उन्हें हिरासत में भी लिया है. लेकिन इस बार प्रदर्शन करने दिया गया. पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से, देश के अधिकांश हिस्सों में लड़कियों के प्राथमिक स्कूल और लड़कों के सभी स्कूल खुले रहे हैं, लेकिन माध्यमिक शिक्षा हासिल करने वाली लड़कियों को कक्षा में वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई है.
स्कूल बंद करने की क्या वजह बताई?
तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि लड़कियों के माध्यमिक स्कूल बुधवार को फिर से शुरू होंगे, लेकिन इस फैसले को तालिबान के केंद्रीय नेतृत्व ने खारिज कर दिया. उसने कहा कि स्कूल तब तक बंद रह सकते हैं, जब तक कि उनके लिए 'व्यापक' और 'इस्लामी' योजना तैयार नहीं हो जाती. इस कदम से लोगों में काफी गुस्सा है. शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन समेत 10 देशों के अधिकारियों के एक संयुक्त बयान में तालिबान के फैसले को 'बेहद परेशान करने वाला' बताया गया है.
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