ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन थमता नजर नहीं आ रहा है। जहेदान में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच फिर संघर्ष हुआ है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आफिस में शुक्रवार को हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों के साथ ईरान सरकार के सुलूक पर चिंता जताई गई। कहा, हिरासत में लिए गए प्रदर्शकारियों को छोड़ने से इन्कार के साथ ही मारे गए लोगों के शवों को भी लौटाने से मना किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की उच्चायुक्त का बयान
जेनेवा में प्रेसवार्ता के दौरान, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की उच्चायुक्त रवीना शमदासानी ने कहा कि हमने प्रदर्शनकारियों के साथ दुर्व्यवार के साथ ही उनके परिवारों का उत्पीड़न भी देखा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल से घायल प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया जाना चिंताजनक है।
वही, इंटरनेट मीडिया पर शुक्रवार को प्रसारित वीडियो में पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सटी दक्षिणपूर्वी सीमा पर जहेदान शहर में सुरक्षा बलों व प्रदर्शनकारियों के बीच फिर संघर्ष दिखाई दे रहा है। प्रदर्शनकारी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई और बासिज मिलिशया के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं।
अब तक मारे जा चुके हैं 270 प्रदर्शनकारी
30 सितंबर को जहेदान शहर में सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों से संघर्ष में दर्जनों लोग मारे गए थे। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दावा किया है कि उस दिन कम से कम 66 लोग मारे गए थे। मानवाधिकार समूहों का दावा है कि देश के 125 शहरों में अब तक कम से कम 270 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं और 14 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तेहररान का शरीफ विश्वविद्यालय बना प्रदर्शनकारियों का अड्डा
ड्रेस कोड का पालन न करने पर गिरफ्तार कुर्दिश युवती महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से शुरू हिजाब विरोधी आंदोलन के बाद अब तेहरान का शरीफ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रदर्शनकारियों का अड्डा बन चुका है। बड़ी संख्या में इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र परमाणु ऊर्जा समेत विभिन्न संवेदनशील उद्योगों में तैनात हैं।