x
नेपाल में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुधवार को संवैधानिक परिषद की बैठक बुलाई है.
नेपाल (Nepal) में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने बुधवार को संवैधानिक परिषद (Constitutional Council) की बैठक बुलाई है. इस बैठक का आयोजन काठमांडू में छात्रों के प्रदर्शन के बाद हो रहा है. छात्रों ने संसद के भंग करने को लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया था. सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के ऑल नेपाल नेशनल फ्री स्टूडेंट यूनियन (ANNFSU) से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ हाथापाई की. दरअसल, प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ नेपाली संसद की तरफ बढ़ रही थी, इसी दौरान पुलिस से उनकी झड़प हो गई.
इससे पहले, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनाल ने रविवार को संसद भंग करने के खिलाफ काठमांडू के मैत्रीघर पर प्रदर्शन किया. इन तीनों नेताओं में से दहल और माधव कुमार नेपाल NCP के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं. हालांकि, NCP व्यावहारिक रूप से विभाजित हो चुकी है, क्योंकि कार्यवाहक पीएम ओली ने पिछले साल दिसंबर में संसद को भंग कर दिया था. नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Bidya Devi Bhandari) ने ओली की सलाह पर 20 दिसंबर को संसद को भंग कर दिया था. इसके बाद नेपाल में 30 अप्रैल और 10 मई को फिर से चुनाव होने वाले हैं.
तीन पूर्व पीएम सड़क पर बैठकर कर रहे हैं प्रदर्शन
पूर्व पीएम झालानाथ खनाल ने कहा कि हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक कि प्रतिनिधि सभा बहाल नहीं हो जाती. हम ये लड़ाई अनंत काल तक जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि हम सामूहिक रैलियों, जनसभाओं के जरिए प्रदर्शन करेंगे. ये एक तरीका है, जिसके जरिए ये दिखाया जाएगा कि जनता के वोट मायने रखते हैं और ये प्रदर्शन जारी रहेगा. तीनों पूर्व प्रधानमंत्री अपने समर्थकों संग सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करते दिखे. कई प्रांतीय सरकारों और उच्च सदन के सदस्यों ने ओली के फैसले को अंसवैधानिक बताते हुए घंटों प्रदर्शन किए.
Next Story