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म्यांमारर में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ और लोकतंत्र की वापसी की मांग को लेकर रविवार को भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे.
म्यांमारर में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ और लोकतंत्र की वापसी की मांग को लेकर रविवार को भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. इससे एक दिन पहले शनिवार को सैनिकों और पुलिसकर्मियों की कार्रवाई में 100 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए थे. यह पिछले महीने हुए तख्तापलट के बाद सबसे अधिक रक्तपात वाला दिन रहा.
ऑनलाइन समाचार वेबसाइट 'म्यांमा नाउ' ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शनिवार को की गई कार्रवाई में 114 लोग मारे गए, जिनमें कई लोगों की आयु 16 साल से कम थी.
म्यांमार के अन्य मीडिया संस्थानों एवं विश्लेषकों ने भी इतने ही लोगों के मारे जाने की खबर दी है. इससे पहले 14 मार्च को सबसे अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए थे. उस दिन सेना की कार्रवाई में 74 से 90 लोगों की मौत हुई थी.
विभिन्न खबरों के अनुसार, तख्तापलट के बाद से 420 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
करीब पांच दशक के सैन्य शासन के बाद लोकतांत्रिक की दिशा में हुई प्रगति पर इस सैन्य तख्तापलट ने विपरीत असर डाला है. प्रदर्शनकारियों पर यह कार्रवाई ऐसे समय हुई जब म्यांमार की सेना ने देश की राजधानी नेपीता में परेड के साथ वार्षिक सशस्त्र बल दिवस का अवकाश मनाया.
इन हत्याओं को लेकर म्यांमार की सेना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हो रही है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह बच्चों समेत आम नागरिकों की हत्या से स्तब्ध हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ''जारी सैन्य कार्रवाई अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ कड़ी, एकजुट होकर और कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है.''
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि म्यांमार की सेना ने दिखाया है कि वह कुछ लोगों के लिए आमजन का जीवन छीन लेगी.
बारह देशों के रक्षा प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ''एक पेशेवर सेना आचरण के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है और लोगों को नुकसान पहुंचाने की बजाय उनकी रक्षा करती है. हम म्यांमार सशस्त्र बल से अपील करते हैं कि वह हिंसा बंद करे और म्यांमार के लोगों में अपना सम्मान एवं विश्वसनीयता फिर से कायम करने के लिए काम करे, जो उसने अपने इन कृत्यों से गंवा दी है.''
यह बयान ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, यूनान, इटली, जापान, डेनमार्क, हॉलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के रक्षा प्रमुखों ने जारी किया.
म्यांमार में अमेरिका के राजदूत थॉमस वाजदा ने एक बयान में कहा कि सुरक्षाबल निहत्थे नागरिकों की हत्या कर रहे हैं, जो कि पेशेवर सेना या पुलिस बल कभी नहीं करता.
मानवाधिकार समूह 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने म्यांमार में हिंसा समाप्त करने के लिए पर्याप्त कदम न उठाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निंदा की.
आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को एक फरवरी को तख्तापलट के जरिये हटाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों से निपटने के लिए सेना बल का इस्तेमाल कर रही है और ऐसे में म्यांमार में मरने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.
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