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हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शन, 50 से अधिक कार्यकर्ता गिरफ्ता

Neha Dani
6 Jan 2021 4:33 AM GMT
हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शन, 50 से अधिक कार्यकर्ता गिरफ्ता
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हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर जारी है।

हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर जारी है। रॉयटर्स ने स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर दी है कि हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 50 से अधिक लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।

बता दें कि दिसंबर महीने में हांगकांग के मीडिया कारोबारी जिमी लाई को फर्जीवाड़ा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित आरोपों के तहत हिरासत में लिया गया था। लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। हांगकांग में लोकतंत्र के मुखर पैरोकार लाई पर उनकी मीडिया कंपनी 'नेक्स्ट डिजिटल' के कार्यालय के लिए पट्टे की शर्तों का कथित तौर पर उल्लंघन किए जाने को लेकर तीन दिसंबर को फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया गया था। बाद में 12 दिसंबर को उनपर विदेशी ताकतों के साथ साठगांठ करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोप लगाए गए।
जमानत की शर्तों के मुताबिक, लाई अपने घर से कहीं बाहर नहीं जाएंगे और बाहर जाने के पहले पुलिस को इसकी सूचना देंगे। दूसरे देशों के अधिकारियों से मिलने पर भी पाबंदी लगायी गई है। वह अखबार, वेबसाइट के लिए आलेख भी नहीं लिख पाएंगे और साक्षात्कार भी नहीं दे पाएंगे। उन्हें अपने यात्रा दस्तावेज भी अदालत को सौंपने को कहा गया है।
हांगकांग पुलिस ने बीते कुछ महीनों में लाई समेत लोकतंत्र समर्थक कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। बीते साल जून में चीन के अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद से हांगकांग में कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है।
हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में तथा ज्यादा अधिकारों की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज होने के बाद चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। ये प्रदर्शन जून 2019 में शुरू हुए थे। इस महीने की शुरुआत में हांगकांग ने लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता जोशुआ वोंग और एग्नेश चो को पिछले साल पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।


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