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अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से पाकिस्तान इसलिए गदगद है क्योंकि उसे उम्मीद है
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से पाकिस्तान इसलिए गदगद है क्योंकि उसे उम्मीद है कि अब पड़ोसी देश की जमीन का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद बढ़ाने के लिए खुलकर कर सकता है। लेकिन तालिबान ने मंगलवार को जो वादा किया वह भारत के लिए बड़ी राहत का संकेत है तो पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। हां, इसलिए लिए जरूरी यह भी है कि विद्रोही संगठन अपनी बात पर टिका रहे।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को टोलो न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी और देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। मुजाहिद ने कहा, ''तालिबानी प्रवक्ता ने पाकिस्तान के इरादों पर पानी फेरने के भी संकेत दिए और कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी और देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। मुजाहिद ने कहा, ''हम अपने पड़ोसियों और क्षेत्रीय देशों को भरोसा देना चाहते हैं कि हम अपनी जमीन का इस्तेमाल दुनिया में किसी देश के खिलाफ नहीं होने देंगे। हम विश्व समुदाय को भी आश्वासन देते हैं कि हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि आपको हमारी जमीन से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।''
मुजाहिद ने जोर देकर कहा कि इस्लामिक अमीरत दुनिया के देशों से यह वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान से किसी देश के लिए कोई खतरा पैदा नहीं होगा। तालिबान ने यह वादा ऐसे समय पर किया है जब भारत सहित दुनिया के अधिकतर देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि तालिबानी शासन में एक बार फिर आतंकी संगठनों के लिए अफगानिस्तान स्वर्ग बन जाएगा।
अफगानिस्तान में चीन, पाकिस्तान और रूस जैसे चंद देशों को छोड़कर बाकी ने अपने दूतावासों पर ताले लटका दिए हैं। मुजाहिद ने कहा कि सभी विदेशी दूतावासों की सुरक्षा उनके लिए अहम है और सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं। तालिबानी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में अब अफीम की खेती नहीं होगी। इसके लिए मुजाहिद ने पूरी दुनिया से वैकल्पिक साधनों को प्रोत्साहित करने की अपील की।
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