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प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश सरकार को आम भेजे

Sonam
10 Aug 2023 4:56 AM GMT
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश सरकार को आम भेजे
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बांग्लादेश की शेख हसीना गवर्नमेंट ने हमेशा पाक से एक निश्चित दूरी बनाए रखी है और शेख हसीना की गवर्नमेंट के दौरान बांग्लादेश और पाक के बीच संबंध घनिष्ठ नहीं हुए। लेकिन, पीएम पद छोड़ने से पहले पाक के पीएम शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश गवर्नमेंट को आम भेजकर लुभाने की प्रयास की है।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाक के निवर्तमान प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को विश्व मशहूर पाकिस्तानी आमों का उपहार भेजा है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में बोला गया है कि यह पाक की एक वार्षिक परंपरा है, जो दोनों पड़ोसी राष्ट्रों के बीच राजनयिक संबंधों और भाईचारे को मजबूत करती है।

बांग्लादेश में पाकिस्तानी दूतावास के प्रेस काउंसलर फसीउल्लाह खान ने ट्विटर पर इसकी पुष्टि करते हुए बोला कि “हर साल, पाक का नेतृत्व विश्व मशहूर पाकिस्तानी आमों को भाईचारे वाले राष्ट्रों के नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों को सद्भावना संकेत के रूप में भेजता है।”

उन्होंने कहा, “इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए, पाक के प्रधान मंत्री ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को बधाई संदेश के साथ मौसमी ताजे आमों का उपहार भेजा है।”

आपको बता दें कि पीएम शाहबाज शरीफ के कार्यकाल का यह अंतिम हफ्ते है और बताया जा रहा है कि आज शाहबाज शरीफ अपने पद से त्याग-पत्र देकर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।

वहीं यदि आरिफ अल्वी ने शहबाज शरीफ के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी तो पाक की नेशनल असेंबली आज भंग हो सकती है।

पाकिस्तानी आम अपने मीठे स्वाद, सुगंध और गुणवत्ता के लिए पूरे विश्व में मशहूर हैं, सिंदरी, चौंसा, लंगड़ा, सोनारो और सरोली आम सहित कई क्षेत्रीय किस्मों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उच्च मांग है। पाकिस्तानी नेता अक्सर दोस्ती और आपसी सम्मान के प्रतीक के रूप में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ मौसमी आमों का आदान-प्रदान करते हैं।

कैसे हैं बांग्लादेश-पाकिस्तान रिश्ते?

दक्षिण एशियाई राष्ट्र होने, समान धर्म, संस्कृति और इतिहास साझा करने के बावजूद, पाक और बांग्लादेश के बीच संबंध मधुर नहीं रहे हैं। इसके दो मुख्य कारण हैं, पहला, 1971 के मुक्ति संग्राम के घाव अभी भी गहरे हैं और सबसे जरूरी यह है कि पाक ने युद्ध अपराधों के लिए आधिकारिक तौर पर माफी नहीं मांगी है।

इसके अतिरिक्त पाक अभी तक इस बात को पचा नहीं पाया है कि बांग्लादेश उससे अलग हो चुका है और पाक की जासूसी एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश को अशांत करने के लिए अक्सर वहां की कट्टरपंथी ताकतों को हवा दे रही है, जिसका शेख हसीना गवर्नमेंट कई बार विरोध कर चुकी है और बांग्लादेशी मंत्री भी खुलकर कह चुके हैं … कई बार पाक की निंदा की।

2016 में, जब बांग्लादेश ने युद्ध अपराधों के इल्जाम में जमात-ए-इस्लाम के कई नेताओं को फांसी दे दी, तो पाक के साथ उसके संबंध खराब हो गए, क्योंकि पाक ने जमात-ए-इस्लाम के विकास में बहुत सहयोग दिया है। और उस समय दोनों राष्ट्रों के बीच संबंध थे। एक दूसरे से राजनयिक संबंध टूट गए।

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