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प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी माना 'भीख का कटोरा लेकर घूम रहा पाकिस्तान

Subhi
7 Oct 2022 12:51 AM GMT
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी माना भीख का कटोरा लेकर घूम रहा पाकिस्तान
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी यह स्वीकार किया है कि उनका देश "भीख का कटोरा" लेकर घूम रहा है। दरअसल पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ का ठीकरा अमीर देशों पर फोड़ते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि उनका देश "भीख का कटोरा" लेकर घूम रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के बाद पाकिस्तान को "भीख का कटोरा" लेकर अमीर प्रदूषणकारी देशों के पास जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी यह स्वीकार किया है कि उनका देश "भीख का कटोरा" लेकर घूम रहा है। दरअसल पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ का ठीकरा अमीर देशों पर फोड़ते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि उनका देश "भीख का कटोरा" लेकर घूम रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के बाद पाकिस्तान को "भीख का कटोरा" लेकर अमीर प्रदूषणकारी देशों के पास जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

ताजा आंकड़ों और अनुमानों से पता चलता है कि भारी मानसूनी बारिश और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण पाकिस्तान में आई बाढ़ से लगभग 1,700 लोग मारे गए हैं। लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। यही नहीं, बाढ़ के बाद संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि देश में जल जनित बीमारियों के बढ़ने की आशंका और ज्यादा हो गई है। पाकिस्तानी सरकार का अनुमान है कि नुकसान की लागत 30 बिलियन डॉलर है। पाक सरकार के साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी आपदा को जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

गुरुवार को द गार्जियन में प्रकाशित एक इंटरव्यू में, पीएम शहबाज ने कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से "क्लाइमेट जस्टिस" की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि "विनाशकारी" मानसूनी बारिश के बाद पाकिस्तान स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आंतरिक विस्थापन के अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। शहबाज ने कहा कि उनके देश का वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में मामूली योगदान है। उन्होंने कहा कि यह "विकसित देशों की जिम्मेदारी है जिन्होंने कार्बन उत्सर्जन बढ़ाया है।"

शहबाज ने कहा, "मैंने अपने जीवनकाल में इस तरह की तबाही, बाढ़ और हमारे लोगों की पीड़ा कभी नहीं देखी। लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, वे अपने ही देश में जलवायु शरणार्थी बन गए हैं।" पीएम शहबाज ने कहा कि भले ही वैश्विक समुदाय ने पैसे देने व अन्य सहायता का वादा किया है लेकिन यह "पर्याप्त नहीं" है। उन्होंने कहा, "इस जलवायु-प्रेरित तबाही की भयावहता हमारे वित्तीय साधनों से परे है। हमारे पास जो संसाधन उपलब्ध हैं और जो हमारी जरूरतें हैं उनके बीच का अंतर बहुत बड़ा है और यह दिन-ब-दिन और बढ़ता जा रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम किसी को दोष नहीं दे रहे हैं। हम किसी पर भी आरोप नहीं लगा रहे हैं। हम जो कह रहे हैं वह यह है कि हमने (जलवायु परिवर्तन) नहीं किया है बल्कि हम इसका शिकार हुए हैं। मैं तो अपील कर रहा हूं लेकिन क्या मेरी अपील को भीख का कटोरा कहा जाना चाहिए। क्या मुझे भीख का कटोरा लेकर उनके (अमीर देशों) के पास जाना चाहिए? यह अन्यायपूर्ण और अनुचित है।" दुनिया भर के नेताओं के समर्थन पर टिप्पणी करते हुए, पीएम शहबाज ने कहा कि वह उनके "मार्मिक शब्दों और बयानों" के लिए आभारी हैं लेकिन केवल संवेदनाएं जताने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस समय व्यवहारिक समर्थन की जरूरत है। उन्होंने कहा, "वे (विश्व के नेता) बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, और हम इसकी सराहना करते हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्हें हमें बचाने और हमें पुनर्वासित करने और हमें वापस अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए एक बेहतर और बड़ी योजना के साथ आगे आना चाहिए।"

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने पूर्ववर्ती इमरान खान पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए उन्हें "धरती पर सबसे बड़ा झूठा" करार देते हुए कहा कि उन्होंने (खान ने) अप्रैल में सत्ता से हटने के बाद "मतदाताओं का खतरनाक ध्रुवीकरण" करने के लिए समाज में जहर घोला।

बढ़ती मुद्रास्फीति, आसमान छूते विदेशी कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा पाकिस्तान वर्तमान में एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच में है। पाकिस्तान अभूतपूर्व बाढ़ की भी चपेट में है। पाकिस्तान में बाढ़ से 1,600 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 3.3 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। बाढ़ से देश का करीब एक तिहाई भू-भाग डूब गया और करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। शरीफ (71) ने खान को "झूठा और धोखेबाज" करार दिया जिनकी नीतियों ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया था।

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