विश्व
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तस्वीर वायरल, 'काले चेहरे, पगड़ी पहने नजर आए, चुनाव से पहले फंसे
Rounak Dey
21 Sep 2021 2:42 AM GMT
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घोटालों और वैश्विक महामारी के बीच चुनाव कराने के पिछले महीने लिए गए फैसले से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।
कनाडा में नई सरकार चुनने के लिए सोमवार को मतदान शुरू हो गया। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बहुमत हासिल करने के लिए मध्यावधि चुनाव कराने का जुआ खेला है, लेकिन इससे उनपर सत्ता से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं, वोटिंग से पहले ट्रूडो की एक पुरानी तस्वीर वायरल हो गई जिसमे उनका चेहरा काला है और उन्होंने पगड़ी पहन रखी है। यह तस्वीर पहले भी वायरल हो चुकी है और ट्रूडो इस पर माफी मांग चुके हैं।
साल 2001 अरेबियन नाइट्स के दौरान ट्रूडो ऐसे परिधान में पहुंचे थे जिसे नस्लभेदी करार दिया गया है। जब यह तस्वीर पहले सामने आई थी तो काफी विवाद हुआ था। तब ट्रूडो ने इस पर शर्मिंदगी जताते हुए माफी भी मांगी थी लेकिन अब एक बार फिर इसी तस्वीर के जरिए उन पर हमले किए जा रहे हैं। उनके विरोधियों और आलोचकों का कहना है कि ऐसा व्यवहार करने वाले शख्स के हाथ में देश की कमान देना कितना सही है?
चाहिए होगा विपक्ष का साथ
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण संकेत देते हैं कि ट्रूडो की लिबरल पार्टी और प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है। लिबरल पार्टी के संसद में अधिकतम सीट जीतने की संभावना है, लेकिन उसे बहुमत मिलने की उम्मीद कम है। ऐसे में विपक्ष के सहयोग के बगैर विधेयक पारित कराना संभव नहीं होगा।
सबसे पहले मतदान केंद्र न्यूफाउंडलैंड प्रांत के अटलांटिक तट पर खुले। टोरंटो विश्वविद्यालय में कनाडाई इतिहास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर रॉबर्ट बोथवेल ने कहा, 'ट्रूडो ने स्थिति को समझने में मूर्खतापूर्ण भूल की है।' ट्रूडो ने एक ऐसी स्थिर अल्पमत की सरकार के साथ चुनाव में प्रवेश किया, जिस पर अपदस्थ होने का खतरा नहीं था। विपक्ष ने समय सीमा से दो साल पहले मध्यावधि चुनाव कराने को लेकर ट्रूडो पर लगातार निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी निजी महत्वाकांक्षा के लिए यह कदम उठाया।
ट्रूडो के सामने कड़ी चुनौती
ट्रूडो के सामने एक सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी, पूर्व वकील और नौ साल से सांसद एरिन ओ'टूले (47) की कड़ी चुनौती है। ट्रूडो ने 2015 में अपने पिता और दिवंगत प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए चुनाव जीता था, लेकिन उनसे अत्यधिक अपेक्षाओं, घोटालों और वैश्विक महामारी के बीच चुनाव कराने के पिछले महीने लिए गए फैसले से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।
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