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नेशनल एसेंबली में विश्वास मत से पहले सहयोगियों से मिलेंगे प्रधानमंत्री इमरान खान

Neha Dani
6 March 2021 3:29 AM GMT
नेशनल एसेंबली में विश्वास मत से पहले सहयोगियों से मिलेंगे प्रधानमंत्री इमरान खान
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प्रधानमंत्री ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है और विश्वास मत जीतने का कोई मतलब नहीं रह गया है।''

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल एसेंबली में विश्वास मत प्राप्त करने के पहले रणनीति तैयार करने की खातिर शुक्रवार को अपने सहयोगियों की बैठक बुलायी है। इससे पहले पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार अब्दुल हाफिज शेख को करीबी मुकाबले में सीनेट चुनाव में हरा दिया था। खान के लिए यह बड़ा झटका था जिन्होंने वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख के लिए निजी तौर पर प्रचार किया था।

ऊपरी सदन के चुनाव में वित्त मंत्री की हार के बाद विपक्षी दलों ने खान के इस्तीफे की मांग की। खान ने पलटवार करते हुए नेशनल एसेंबली में शनिवार को विश्वास मत हासिल करने की घोषणा की। शेख पांच वोटों के अंतर से हार गए। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शनिवार को संसद का सत्र आहूत किया है जहां खान की पार्टी को अपने सहयोगी दलों की मदद के साथ बहुमत साबित करना होगा।
खान के मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग कायदे आजम (पीएमएल-क्यू) और ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (जीडीए) के सांसदों के साथ विश्वास मत पर चर्चा करने की संभावना है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के बैठक में जीडीए के उम्मीदवार की हार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने की संभावना है। इसके साथ, वह एमक्यूएम-पी को कराची से संबंधित कुछ मुद्दों पर आश्वस्त करने का प्रयास करेंगे।
खान को नेशनल एसेंबली में 171 सांसदों का समर्थन चाहिए क्योंकि सदन में कुल 342 सदस्यों में अभी 340 सदस्य हैं और दो सीटें खाली हैं। विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि खान आसानी से विश्वासमत हासिल कर लेंगे क्योंकि सीनेट के लिए पीटीआई की महिला उम्मीदवार फौजिया अरशद को बुधवार को 174 वोट मिले थे और वह जीत गयी थीं। वहीं शेख को 164 वोट मिले और वह हार गए।
शिक्षा मंत्री शफाकत महमूद ने कहा कि विश्वास मत की कार्यवाही प्रत्यक्ष तौर पर होगी जिसका मतलब है कि पीटीआई का कोई भी सांसद प्रधानमंत्री के खिलाफ मतदान नहीं कर सकेगा। बहरहाल, विपक्ष के नेताओं ने इसे एक जीत बताते हुए कहा कि खान को विश्वास मत के लिए मजबूर होना पड़ा और हार के बाद उन्हें पद से हटना पड़ेगा। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है और विश्वास मत जीतने का कोई मतलब नहीं रह गया है।''


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