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72 साल के इतिहास में कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने में सफल नहीं हुई है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) इजरायल के संसदीय चुनावों में शानदार और बड़ी जीत का दावा कर रहे हैं. मंगलवार देर रात फेसबुक पर एक बयान में नेतन्याहू ने कहा कि इजरायलियों ने मेरे नेतृत्व में उनकी पार्टी लिकुड को शानदार जीत दे दी है. हालांकि एग्जिट पोल के मुताबिक इजरायल चुनाव में कोई स्पष्ट विजेता नहीं है. इससे पहले मंगलवार को इजरायल में दो साल में चौथी बार हो रहे संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग हुई.
इस चुनाव की तुलना प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कथित विभाजनकारी शासन को लेकर होने वाले जनमत संग्रह से की जा रही है. चुनावी सर्वेक्षण के मुताबिक इजरायल के इस चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिलने वाला है. चुनाव के दौरान नेताओं ने जमकर प्रचार किया है. चुनाव के लिए महामारी के बीच आखिरी दौर में टेलीविजन इंटरव्यू एवं शॉपिंग मॉल में, बाजार में नेताओं ने उपस्थित होकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की.
ברור שרוב מובהק מאזרחי ישראל הם ימנים, והם רוצים ממשלת ימין חזקה ויציבה שתשמור על כלכלת ישראל, ביטחון ישראל וארץ ישראל. זה מה שנעשה. אוהב אתכם!
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) March 23, 2021
यहां तक कि चुनाव प्रचार के आखिरी टाइम में वोटर्स तक पहुंचने के लिए नेताओं ने एसएमएस और फोन कॉल का सहारा लिया. इस चुनाव में नेतन्याहू ने खुद को ऐसे वैश्विक नेता के रूप में पेश किया जो देश की सुरक्षा एवं राजनयिक चुनौतियों से निपट सकता है. वो वह इजरायल में कोविड-19 वैक्सीनेशन की सफलता और अरब देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने के दम पर चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर नेतन्याहू के विरोधी उन पर पिछले एक साल में कोरोनावायरस के दौरान कुप्रबंधन का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि नेतन्याहू अपनी घोर रूढ़िवादी राजनीतिक रैलियों पर रोक लगने में नाकाम रहे जिससे वायरस का प्रसार हुआ. वे देश की खराब अर्थव्यवस्था, और बेरोजगारी को भी मुद्दा बना रहे हैं. 72 साल के इतिहास में कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने में सफल नहीं हुई है.
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