
भारत दुनिया में चावल उत्पादन के मुद्दे में दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्र है और हिंदुस्तान चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है. हमारा राष्ट्र हिंदुस्तान 140 से भी अधिक राष्ट्रों को चावल बेचता है. हिंदुस्तान ने साल 2022—23 में रिकॉर्ड 1308.37 लाख टन चावल का निर्यात किया था. दुनिया में बेनिन, बांग्लादेश, अंगोला, कैमरून, जिबूती, गिनी, आइवरी कोस्ट, केन्या और नेपाल और इनके साथ ही ईरान, इराक और सऊदी अरब मुख्य रूप से हिंदुस्तान से प्रीमियम बासमती चावल खरीदते हैं. ये सभी राष्ट्र भारतीय गैर-बासमती चावल के प्रमुख खरीदारों में शामिल हैं. लेकिन हिंदुस्तान अब अपने राष्ट्र के लोगों कि भलाई में बड़ा फैसला लेने जा रहा है. अब हिंदुस्तान ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है. इस फैसला से दुनिया के कई राष्ट्र चावल खाने के लिए तरस जाएंगे.
अपनी घरेलू मांग को पूरा करने और चावल की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने कदम उठाया है. हिंदुस्तान ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है. हिंदुस्तान के निर्यात रोक देने से पूरे विश्व में चावल की कीमतों में तेजी आने की आसार है. साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की सप्लाई काफी कम हो जाएगी. ऐसे में दुनिया के कई राष्ट्रों के सामने खाने का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा.
50 $ प्रति मीट्रिक टन बढ़ सकते हैं चावल के दाम
भारत सबसे चावल बेचने वाला राष्ट्र है. कुल अंतरराष्ट्रीय निर्यात में हिंदुस्तान की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिंदुस्तान के चावल निर्यात रोक देने से चावल की अंतरराष्ट्रीय सप्लाई पर क्या असर होगा? जानकारों का बोलना है कि हिंदुस्तान से चावल निर्यात न आने पर जल्द ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल के मूल्य प्रति मीट्रिक टन 50 $ बढ़ सकते हैं. आने वाले दिनों में मूल्य 100 $ तक बढ़ सकते हैं.
सिंगापुर, बैंकॉक के जानकारों ने जताई ये चिंता
एक रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर और बैंकॉक के राइस ट्रेडर्स का बोलना है कि हिंदुस्तान के चावल निर्यात पर बैन लगाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में रेट में उछाल आना तय है. हालांकि, एशियन बाजार में शुक्रवार को रेट स्थिर रहे, लेकिन, जल्द ही रेट ऊपर की ओर जाएंगे, क्योंकि सप्लाई कमजोर होगी.
