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राष्ट्रपति चुनाव: ट्रंप को झटका, NYT पोल में बाइडेन से 4 प्रमुख राज्यों में पिछड़े

Neha Dani
2 Nov 2020 2:19 AM GMT
राष्ट्रपति चुनाव: ट्रंप को झटका, NYT पोल में बाइडेन से 4 प्रमुख राज्यों में पिछड़े
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अमेरिका में एक नये सर्वेक्षण के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव (US Elections 2020) के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण चार राज्यों |

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिका में एक नये सर्वेक्षण के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव (US Elections 2020) के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण चार राज्यों में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के मुकाबले बढ़त मिलती दिख रही है. इस सर्वेक्षण के अनुसार 2016 के चुनाव में भाग नहीं लेने वाले लोग और इस बार मंगलवार को बड़ी संख्या में मतदान के लिए निकलने की चाह रखने वाले लोगों का समर्थन डेमोक्रेट खेमे की ओर हो सकता है जिसके उम्मीदवार बाइडेन हैं. हालांकि ट्रंप ने कहा है कि वे इस बार पिछली बार से भी ज्यादा अंतर से जीतने जा रहे हैं.

हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स और सियेना कॉलेज द्वारा कराये गये मतदान पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन (77) विस्कोंसिन, पेनसिल्वेनिया, फ्लोरिडा और अरिजोना में रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप से आगे रह सकते हैं. इससे पहले द टाइम्स द्वारा कराये गये पोल में बाइडेन को 74 वर्षीय ट्रंप से आगे आंका गया था. उधर ट्रंप ने देश में तीन नवंबर को होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की बड़ी जीत का भरोसा जताते हुए कहा है कि इस बार पार्टी की जीत का अंतर चार साल पहले मिली जीत से भी अधिक होगा. ट्रंप ने शनिवार को पेंसिल्वेनिया में चार विभिन्न रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के रूप में उनके शासनकाल में प्रशासन ने बड़ी सफलताएं हासिल की हैं. उन्होंने कहा, 'यह मंगलवार बहुत दिलचस्प होगा.' ट्रंप ने कहा कि इस बार उनकी पार्टी की लहर है और ऐसा पहले किसी ने नहीं देखा.


बाइडेन पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

राष्ट्रपति ने रैलियों में दिए अपने भाषणों में अपने पहले कार्यकाल में प्रशासन की सफलताओं का जिक्र किया और अपने डेमोक्रटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि यदि बाइडेन चुनाव जीत जाते हैं तो डेमोक्रेटिक नेता पार्टी को समाजवाद की राह पर ले जाएंगे और करों में बढ़ोतरी करेंगे. मतदान से पहले किए गए सर्वेक्षणों में पेंसिल्वेनिया समेत चुनाव के लिए अहम राज्यों में ट्रंप के बाइडेन से पीछे होने का पूर्वानुमान जताया गया है, लेकिन ट्रंप ने कहा कि वह इन राज्यों में जीत हासिल करेंगे और उनकी जीत का अंतर 2016 में मिली जीत से बड़ा होगा. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने रक्षा के क्षेत्र में शानदार काम किया है. राष्ट्रपति ने अपने भाषणों में बाइडेन को कई बार 'सुस्त' बताया.

ट्रंप ने महामारी को गंभीरता से नहीं लिया: ओबामा

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया कि उनका ध्यान अपने अहम की तुष्टि पर ही केन्द्रित रहा और उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के संकट को गंभीरता से नहीं लिया जबकि दूसरी तरफ उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन कोरोना वायरस महामारी को गंभीरता से लेते हैं. ओबामा ने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के पक्ष में मिशिगन में शनिवार को चुनाव प्रचार करते हुए कहा कि पिछले चार वर्ष में ट्रंप ने अपने सिवाए किसी और देशवासी की मदद में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान अपने अहम की तुष्टि पर ही केन्द्रित है, वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडेन का ध्यान शालीनता और सहानुभूति पर है.' देश के 44वें राष्ट्रपति रहे ओबामा ने ट्रंप की नीतियों को लेकर उनकी जमकर आलोचना की. ओबामा ने कहा, 'उन्होंने काम करने में या किसी की मदद करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, सिवाए अपने, या अपने दोस्तों के और राष्ट्रपति पद को एक रियलिटी शो से ज्यादा कुछ नहीं माना ,जो उनकी ओर सबका ध्यान आकर्षित करे लेकिन दुर्भाग्य से हम बाकी लोगों को अंजाम भुगतना पड़ रहा है.' ओबामा के साथ मिशिगन में फ्लिंट और डेट्रायट की रैलियों में बाइडेन भी मौजूद थे. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ' मैं आपको बता सकता हूं कि आप जो हैं उसे राष्ट्रपति पद बदल नहीं सकता. यह दर्शाता है कि आप क्या हैं. यह खुलासा करता है कि आप कौन हैं. आठ वर्षों तक बाइडेन ऐसे व्यक्ति रहे जोकि मेरे हर बड़े फैसले के दौरान मौजूद रहे.'

ट्रंप की रैलियों से कोरोना के 30 हजार से अधिक मामले बढ़े, 700 लोगो की मौत

उधर स्टानफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की करीब 18 चुनावी रैलियों से अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमण के 30,000 से अधिक मामले बढ़ गये और संभवत: 700 से अधिक लोगों की इस महामारी के चलते जान चली गयी. शोधकर्ताओं का कहना है कि जहां जहां राष्ट्रपति की रैलियां हुईं, वहां के लोगों ने इस 'बीमारी और मौत के संदर्भ में भारी कीमत' चुकायी.

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