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काला सागर में तूफान पैदा करने की तैयारी में राष्ट्रपति जेलेंस्की, सहयोगी देशों से मांगे एंटी शिप वेपन

Renuka Sahu
7 Jun 2022 12:59 AM GMT
President Zelensky in preparation for creating a storm in the Black Sea, asked for anti-ship weapons from allies
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फाइल फोटो 

रूसी सेना को 100 दिन छकाने के बाद यूक्रेन अब काला सागर में तूफान पैदा करने की तैयारी में है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूसी सेना को 100 दिन छकाने के बाद यूक्रेन अब काला सागर में तूफान पैदा करने की तैयारी में है। वह ब्रिटेन और तुर्की के साथ मिलकर गेहूं निर्यात के लिए रास्ता बनाने की कोशिश में है। जाहिर है इसके लिए उसे रूस की नौसेना से जूझना पड़ेगा जिसने पिछले तीन महीने से काला सागर की नाकेबंदी कर रखी है और मालवाही जहाजों का आवागमन बंद कर रखा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने निर्यात के लिए रास्ता बनाने के लिए सहयोगी देशों से एंटी शिप वेपन की भी मांग की है।

...तो कई देशों में पड़ जाएंगे रोटी के लाले
जेलेंस्की ने कहा है कि अक्टूबर से शुरू होने वाले पतझड़ के मौसम तक यूक्रेन के पास साढ़े सात करोड़ टन गेहूं का भंडार हो जाएगा। इस गेहूं को निर्यात न किया गया तो कई देशों में रोटी के लाले पड़ जाएंगे और गेहूं का अंतरराष्ट्रीय मूल्य बढ़ जाएगा। जबकि यूक्रेन में भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण उसके सड़ने का खतरा पैदा हो जाएगा। युद्ध में रूसी हमलों के चलते यूक्रेन की भंडारण व्यवस्था प्रभावित हुई है। विदित हो कि यूक्रेन गेहूं के बड़ा निर्यातक है।
यूक्रेनी जहाजों की सुरक्षा मांगी
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल के दिनों में ब्रिटेन और तुर्की के नेताओं से बात करके काला सागर में यूक्रेन के मालवाही जहाजों के आवागमन में सहयोग मांगा है। उन्‍होंने कहा है कि दोनों देशों के युद्धपोत यूक्रेनी जहाजों को अपनी सुरक्षा में काला सागर पार कराएं।
काला सागर में शुरू होगा टकराव
यूक्रेन के बंदरगाहों, काला सागर और अजोव सागर पर पिछले तीन महीनों से रूसी सेना का कब्जा है। इसके चलते वहां पर मालवाही जहाजों का आवागमन ठप है। लेकिन रूस मालवाही जहाजों को रोकने से इन्कार कर रहा है। जेलेंस्की रूस के इसी बयान को आधार बनाकर समुद्री व्यापार शुरू करने की कोशिश में हैं। लेकिन इससे काला सागर में भी टकराव शुरू होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
सीविरोडोनेस्क में सड़कों पर लड़ाई
यूक्रेन के डोनबास इलाके के सबसे बड़े शहर सीविरोडोनेस्क में लड़ाई अब सड़कों पर लड़ी जा रही है। एक समय 80 प्रतिशत शहर पर कब्जा कर चुकी रूसी सेना को बीते 48 घंटों में पीछे हटना पड़ा है लेकिन अभी भी आधे शहर पर उसका कब्जा है। यूक्रेन की सेना बढ़े हौसले के साथ मैदान में है लेकिन लड़ाई के चलते शहर की दुर्दशा हो गई है। बमबारी और गोलाबारी से शहर की ज्यादातर इमारतें बर्बाद हो गई हैं। बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं।
जेलेंस्‍की ने किया सैनिकों को संबोधित
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को सीविरोडोनेस्क के नजदीक लिसिचांस्क में सैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आप निसंदेह जीतने के काबिल हैं। जीत ही इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है लेकिन हर कीमत पर नहीं। सैनिक अपनी जान की रक्षा करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करें।
युद्ध में 43 धार्मिक इमारतें हुईं नष्ट
यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क प्रांत में 43 धार्मिक इमारतों को अपने हमलों से बर्बाद कर दिया है। बर्बाद की गई ज्यादातर इमारतें यूक्रेनियन आर्थोडाक्स चर्च की हैं जो मास्को पैट्रीआर्चेट के अंतर्गत आता है। हाल ही में 17 वीं सदी की एक धार्मिक इमारत और उससे जुड़े चर्च पर हमला हुआ था, इससे उसमें आग लग गई थी। युद्ध के दौरान जो धार्मिक इमारतें बर्बाद हुई हैं उनमें कुछ को संरक्षित स्मारक का दर्जा प्राप्त था।
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