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साथ ही विस्तार को रोकने के लिए आश्वासन देने की मांग की.
Ukraine Russia Conflict: यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने रूस के साथ तनाव के बीच शुक्रवार को अमेरिका के 20 सीनेटर और कांग्रेस के सदस्यों के साथ वीडियो कॉल पर बातचीत की. इस तरह के अंदेशे हैं की रूस यूक्रेन की सीमा के पास सैनिकों की तैनाती को बढ़ा रहा है और पड़ोसी देश पर हमला करेगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति के दफ्तर ने बताया कि जेलेंस्की ने रूस द्वारा सैनिकों की तैनाती को बढ़ाने और अपने देश के युद्ध प्रभावित पूर्वी हिस्से की स्थिति के बारे में अमेरिकी सीनेटर और कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बातचीत की.
रूस के समर्थन वाले बागी 2014 से यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में यूक्रेन के बलों से लड़ रहे हैं. राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में यूक्रेन के पूर्वी हिस्से डोनबास में टकराव के शांतिपूर्ण समाधान की प्रक्रिया में अमेरिका को शामिल करने की अहमियत को बताया गया है (Ukraine Russia Relations). बयान में जेलेंस्की के हवाले से कहा गया है कि अब शब्द नहीं बल्कि निर्णायक कार्रवाई मायने रखती है. उन्होंने कहा, 'मेरा मकसद पूर्वी यूक्रेन में खून-खराबे को रोकना है. डोनबास में जंग खत्म किए बिना यूरोप में सुरक्षा की कल्पना करना नामुमकिन है.'
नाटो सदस्यता पर बात की
जेलेंस्की और सांसदों ने रूस पर और प्रतिबंध लगाने को लेकर बातचीत की. साथ में कीव की 'यूरो-अटलांटिक आकांक्षाओं' के लिए वाशिंगटन के समर्थन और नाटो सदस्यता के लिए यूक्रेन की संभावनाओं के बारे में भी बात की गई. इससे पहले यूरोपीय संघ (ईयू) की कार्यकारिणी की प्रमुख ने कहा था कि अगर रूस यूक्रेन पर आक्रमण करने का फैसला करता है (Ukraine NATO Membership). तो ईयू उसके खिलाफ कई अतिरिक्त प्रतिबंध तैयार हैं. अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा था कि मौजूदा प्रतिबंधों को बढ़ाने और विस्तार करने के अलावा, यूरोपीय संघ 'रूस के लिए गंभीर परिणामों के साथ अभूतपूर्व उपाय' अपना सकता है.
रूस का क्या कहना है?
वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने इस मामले में कहा था कि उन्हें अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से यह आश्वासन चाहिए कि नाटो पूर्व की ओर अपना विस्तार नहीं करेगा. उन्होंने यूरोप में बढ़ते तनाव के लिए पश्चिमी देशों (Western Countries) को जिम्मेदार ठहराया. पुतिन ने यह बयान ऐसे समय दिया, जब मास्को ने यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को नाटो की सदस्यता नहीं देने संबंधी मसौदा सुरक्षा दस्तावेज पेश किए. इसके साथ ही रूस ने यूक्रेन पर हमले की योजना से इनकार कर दिया. साथ ही विस्तार को रोकने के लिए आश्वासन देने की मांग की.
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